Last Updated: Tuesday, October 9, 2012, 18:04

नई दिल्ली : युद्धक हेलीकॉप्टरों के नियंत्रण को लेकर थलसेना और वायुसेना के बीच विवाद को तवज्जो नहीं दिए जाने की जरूरत पर बल देते हुए रक्षामंत्री ए के एंटनी ने आज कहा कि यह मुद्दा पारिवारिक समस्या है और सरकार इसका समाधान ढूंढ़ने के अंतिम चरण में है।
थलसेना यह कहकर युद्धक एवं मीडियम-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों का नियंत्रण मांग रही है कि ये ज्यादातर उसके अभियानों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इसलिए ऐसे हेलीकॉटर उसके नियंत्रण में होने चाहिए। लेकिन वायुसेना ने इस मांग का जोरदार विरोध किया है।
एंटनी ने प्रादेशिक सेना दिवस परेड से इतर संवाददाताओं से कहा, कोई विवाद या लड़ाई नहीं है। ये सभी पारिवारिक समस्याएं हैं और हम इसका हल निकाल लेंगे। हम सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान निकालने के अंतिम चरण में हैं। उनसे सवाल किया गया था कि क्या रक्षा मंत्रालय ने युद्धक और मीडियम लिफ्ट हेलीकाप्टरों का खुद का बेड़ा रखने की थलसेना की मांग को खारिज कर दिया है, जिसे लेकर दोनों बलों के बीच तकरार चल रही है।
वायुसेना ने हाल ही में कहा था कि इसने हमलावर और मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टरों का खुद का बेड़ा रखने की थलसेना की मांग को खारिज कर दिया है। वायु सेना ने तर्क दिया था कि देश इन ‘‘छोटी वायु सेनाओं’’ को वहन नहीं कर सकता।
थलसेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने अपने प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय युद्धक हेलीकॉप्टरों के संबंध में बल द्वारा उठाई गई मांग को लेकर बहुत ही सहानुभूतिपूर्ण नजरिया रखता है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय में इस पर अब भी सक्रियता से विचार चल रहा है और किसी के लिए भी यह कहना ठीक नहीं है कि मंत्रालय ने थलसेना के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एन ए के ब्राउन ने हाल ही में कहा था कि छोटी वायु सेनाओं को बढ़ने की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि अगर कल तटरक्षक बल पनडुब्बियों की मांग करने लगे तो क्या नौसेना इन्हें उसे दे देगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 9, 2012, 18:04