Last Updated: Friday, August 24, 2012, 13:42
नई दिल्ली: देश में पिछले ढाई साल में दवा परीक्षण के दौरान 1,317 लोगों की मौत हुई है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए नये नियमों का प्रावधान करके मुआवजा प्रदान करने संबंधी मसौदा अधिसूचना जारी की है।
लोकसभा में एम कृष्णा स्वामी और निखिल कुमार चौधरी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि क्लिनिकल परीक्षण के दौरान कई कारणों ने मरीजों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और मौतें भी होती है। ये मौतें कैंसर, हृदय संबंधी रोग और अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हो सकती है। इन मौतों के कारणों और संबंधों का पता लगाने के लिए जांच की जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ड्रग एंड कास्मेटिक नियम, 1945 में नये नियमों का प्रावधान करते हुए एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई है जिसमें दवा परीक्षण से होने वाली मौतों और अशक्तता के संबंध में उपचार और मुआवजे की प्रक्रिया तय की गई है।’’ आजाद ने कहा कि मसौदा अधिसूचना में आचार समिति, प्रायोजग और जांचकर्ताओं की जिम्मेदारी बढ़ायी गई है ताकि जिन लोगों पर दवा परीक्षण किया जाता है, उन्हें वित्तीय मुआवजा के साथ उपचार की सुविधा भी प्रदान की जा सके।
मंत्री ने कहा कि प्रारूप में किये गए संशोधन में सब्जेक्ट से लिखित सहमति प्राप्त करने के साथ उनका पता, पेशा, आय का ब्यौरा प्राप्त करना शामिल है ताकि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति की जानकारी मिल सके। इस संबंध में ब्यौरा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन :सीडीएससीओ: की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि दवा परीक्षण के दौरान 2010 में 668, 2011 में 438 और जून 2012 तक 211 लोगों की मौत हुई।
आजाद ने कहा कि क्लिनिकल परीक्षण के दौरान 2010 में 668 लोगों की मौत हुई जिसमें कैंसररोधी दवाओं से जुड़ी 226, हृदय रोग से जुड़ी 368, मधुमेह से जुडी 11, मस्तिष्क एवं रक्त नलिकाओं से संबंधित 28, विषाणुरोधी दवाओं से जुड़ी 5 पांच मौत एवं अन्य रोगों से जुड़ी 30 मौते शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि 2011 में औषधि परीक्षण के कारण 438 लोगों की मौत हुई जिसमें कैंसररोधी दवाओं से जुड़ी 139, हृदय रोग से जुड़ी 229, मधुमेह से जुडी 31, मस्तिष्क एवं रक्त नलिकाओं से संबंधित 11, विषाणुरोधी दवाओं से जुड़ी 12 मौत एवं अन्य रोगों से जुड़ी 16 मौते शामिल है।
आजाद ने कहा कि 2012 में जून महीने तक 211 लोगों की मौत हुई है जिसमें कैंसररोधी दवाओं से जुड़ी 66, हृदय रोग से जुड़ी 82, मधुमेह से जुडी 12, मस्तिष्क एवं रक्त नलिकाओं से संबंधित 5, विषाणुरोधी दवाओं से जुड़ी 8 मौत एवं अन्य रोगों से जुड़ी 38 मौत शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी अस्पतालों के प्रमुख विशेषज्ञों को शामिल करते हुए 12 नये औषधि परामर्श समितियों का गठन किया है जो क्लिनिकल परीक्षण और नयी औषधियों के बारे में सीडीएससीओ को सलाह देगा।
आजाद ने कहा कि 2010 में तीन कंपनियों, 2011 में पांच कंपनियों और 2012 एक कंपनी पर क्लिनिकल परीक्षण के दौरान अनियमितता के आरोपों पर कार्रवाई की गई। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 24, 2012, 13:42