दवाएं आम आदमी की पहुंच में हों : कोर्ट

दवाएं आम आदमी की पहुंच में हों : कोर्ट

दवाएं आम आदमी की पहुंच में हों : कोर्ट नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सरकार राष्ट्रीय अनिवार्य औषधि सूची (एनएलईडी) में आवश्यक दवाओं की संख्या बढ़ाने के दौरान मूल्य नियंत्रण व्यवस्था के तहत अनिवार्य दवाओं के खुदरा मूल्य तंत्र से छेड़छाड़ नहीं करेगी।

न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति एस.जे. मुखोपाध्याय की पीठ ने यह बात एनएलईडी के तहत अनिवार्य औषधि सूची को अंतिम रूप देने में देरी के लिए सरकार को फटकार लगाते हुए कही।

न्यायालय ने कहा कि सरकार चलाना उसका काम नहीं है, लेकिन उसने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इसमें नौ वर्षो तक कोई प्रगति क्यों नहीं हुई।

अतिरिक्त महाधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने नई मूल्य नियंत्रण व्यवस्था के तहत एनएलईडी को अधिसूचित करने के लिए सरकार को सात दिनों की मोहलत दी।

न्यायालय ने कहा कि यदि एनएनईडी को जारी करने में और देरी हुई तो न्यायालय को उसके अनुसार आदेश पारित करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

न्यायालय ने सरकार से आग्रह किया कि वह और भी अनिवार्य दवाओं को आम आदमी की पहुंच में लाए।

न्यायालय ने यह भी कहा कि दवा की कीमतें इतनी अधिक हैं कि मरीज के सामने दो विकल्प रह जाते हैं- या तो वह मर जाए या फिर जमीन या जेवरात बेचकर दवा खरीदे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 3, 2012, 14:30

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