दामिनी के दोस्त के आरोपों से दिल्ली पुलिस ने किया इंकार

दामिनी के दोस्त के आरोपों से दिल्ली पुलिस ने किया इंकार

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने शनिवार को सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के दोस्त के इन आरोपों से इंकार किया कि उन्हें अस्पताल ले जाने में देरी की गई और कहा कि कॉल आने के बाद पीसीआर बिना कोई वक्त लगाए घटनास्थल पर पहुंच गए।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण-पश्चिम) विवेक गोगिया ने आरोपों को खारिज किया कि पुलिस की प्रतिक्रिया सुस्त थी और पीसीआर अस्पताल ले जाने के बजाए मामले के न्यायक्षेत्र को लेकर बहस में रही और समय नष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘मामले के न्यायक्षेत्र को लेकर कोई मुद्दा नहीं था क्योंकि पीसीआर वाहन थानों के तहत काम नहीं करतीं बल्कि पुलिस मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष उन्हें नियंत्रित करता है।’

पुलिस अधिकारी ने कहा कि नियंत्रण कक्ष को 16 दिसंबर की रात 10.21 बजे घटना को लेकर कॉल मिला और पीसीआर वैन जेड-54 को 10.24 बजे मामले को देखने को कहा गया लेकिन एक अन्य पीसीआर ई-74 वैन घटनास्थल पर 10.27 बजे अपने आप पहले पहुंच गई जबकि जेड-54 वहां 10.29 बजे पहुंची। पुलिस अधिकारी ने कहा कि जेड-54 के पुलिसकर्मी ने पास के होटल से बेडशीट लेकर देानों पीड़ितों को ढका और उसके बाद पुलिस उन्हें लेकर 10.39 बजे रवाना हुई। उन्होंने कहा, ‘पीड़ितों को 10.55 बजे सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया गया। इन ब्यौरों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से मिली जानकारी के आधार पर जुटाया गया।’

उन्होंने कहा, ‘यह भी साफ किया जाता है कि पीसीआर वैन को अधिकार क्षेत्र से मतलब नहीं होता। वे अधिकार क्षेत्र पर ध्यान दिए बिना आपदा कॉल पर प्रतिक्रिया देते हैं और उन्हें निर्दिष्ट अस्पतालों में ले जाते हैं।’ इन दावों पर कि पीड़ितों को पास के निजी अस्पताल नहीं ले जाया गया, गोगिया ने कहा कि चिकित्सीय कानूनी मामलों के पीड़ितों को अधिसूचित निर्दिष्ट अस्पतालों में ले जाया जाता है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के दोस्त को सफदरजंग अस्पताल से प्राथमिक चिकित्सा और कुछ घंटों के इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।

लड़के के जख्म के बारे में पूछे जाने पर गोगिया ने कहा कि अस्पताल ने उसका निरीक्षण किया और पुलिस का इसपर कोई अधिकार नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या दोस्त का साक्षात्कार मामले को प्रभावित करेगा, उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अपराधियों को बेहद जल्द उचित सजा दिलाना है। मैं इस पर और टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि मामला न्यायालय के अधीन है।’ (एजेंसी)

First Published: Saturday, January 5, 2013, 15:34

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