Last Updated: Wednesday, February 20, 2013, 21:58
नई दिल्ली : पिछले 16 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी में एक पैरा-मेडिकल छात्रा से हुए सामूहिक बलात्कार और फिर हुई उसकी हत्या के मामले की सुनवाई कर रही त्वरित अदालत में सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गवाही दे सकते हैं। दोनों न्यायिक अधिकारियों ने पीड़िता के बयान दर्ज किए थे।
सफदरजंग अस्पताल में 23 साल की पीड़िता का बयान ले चुके दोनों न्यायिक अधिकारियों को सरकारी गवाह के तौर पर पेश होने के लिए अदालत ने आज समन भेजा।
मामले के पांच बालिग आरोपियों पर चलाए जा रहे मुकदमे की बंद कमरे में हो रही कार्यवाहियों को संचालित कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने आज की कार्यवाही खत्म होने तक 27 सरकारी गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। खन्ना ने आज ही मजिस्ट्रेटों को समन भी भेजा।
दोनों मजिस्ट्रेटों ने पीड़िता का जो बयान दर्ज किया था उसे मृत्यु के समय दिया गया बयान माना जाएगा। पीड़िता ने सिंगापुर के एक अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को दम तोड़ दिया था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 20, 2013, 21:58