Last Updated: Tuesday, January 8, 2013, 23:43

नई दिल्ली : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने आज साकेत बार एसोसिएशन के उन सदस्यों की आलोचना की जिन्होंने दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड में आरोपियों की पैरवी कर रहे वकीलों पर दबाव बनाने के लिए कथित रूप से हंगामा किया था।
काटजू ने यहां एक बयान में कहा कि खबर है कि साकेत बार एसोसिएशन के कुछ सदस्यों ने कल उस वक्त अस्त व्यस्त हालात पैदा किये जब दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था। वे वकील मनोहर लाल शर्मा पर चिल्लाये जो आरोपियों की पैरवी करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि यह भी खबर है कि एनजीओ ‘प्रगतिशील महिला संस्थान’ के कुछ सदस्य शर्मा और (एक अन्य वकील) आनंद पर चिल्लाये जो आरोपियों की पैरवी करना चाहते थे। शोरगुल करने वाले वकीलों ने कहा कि आरोपियों की पैरवी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वह गंभीर अपराध में आरोपी हैं।
काटजू ने कहा कि अगर ये खबरें सही हैं तो यह गलत है। प्रत्येक आरोपी को संविधान के अनुच्छेद 22 के तहत बचाव का अधिकार है, भले ही अपराध जघन्य और निंदनीय हो।
उन्होंने कहा कि एएस मोहम्मद रफी बनाम तमिलनाडु सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि प्रत्येक आरोपी को अदालत में बचाव का अधिकार है भले ही अपराध जघन्य हो। वकीलों का भी आरोपियों की पैरवी करने का कर्तव्य है।
काटजू ने कहा कि अगर इस सिद्धांत का पालन नहीं किया गया तो लोकतंत्र और कानून व्यवस्था कमजोर हो जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 8, 2013, 23:43