Last Updated: Saturday, February 2, 2013, 20:30

नई दिल्ली : एक त्वरित अदालत ने 16 दिसंबर के चर्चित सामूहिक बलात्कार मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आज यहां आरोप तय किये और अब उनके खिलाफ 23 वर्षीय लड़की के अपहरण की साजिश, यौन उत्पीडन तथा हत्या सहित अन्य आरोपों में सुनवाई होगी।
अदालत ने लड़की को ‘अवैध यौन संबंध’ के लिए मजबूर करने के इरादे से उसका अपहरण करने के संबंध में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत अपराध को भी शामिल किया है।
अदालत ने सुनवाई शुरू होने के लिए पांच फरवरी की तारीख तय की और उन पर आईपीसी की धारा 302 के तहत पीड़ित छात्रा की हत्या का आरोप तय किया जिसमें अधिकतम सजा मृत्युदंड है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या तथ्यों से संकेत मिले हैं कि एक किशोर सहयोगी के साथ मिलकर आरोपियों ने पीड़ित का बलात्कार करने सहित अन्य अपराध करने के लिए लड़की और उसके पुरूष मित्र को चार्टर्ड बस समझकर एक वाहन में चढ़ने के लिए कपटपूर्ण तरीके से प्रेरित करने की साजिश रची।
आरोपी बस चालक राम सिंह, उसका भाई मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह ने अपराध नहीं कबूल किया और सुनवाई का सामना करने की बात कही।
पुलिस आरोप पत्र में आरोपियों में सबसे खूंखार बताये गये छठे आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड ने ‘नाबालिग’ घोषित किया है और यह बोर्ड उसके मामले में सुनवाई करेगा। बहरहाल, त्वरित अदालत ने अपने आदेश में किशोर को समान आशय के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले पांच आरोपियों का ‘सहयोगी’ बताया।
पीड़ित लड़की की पिछले साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
अदालत ने आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 376 दो (जी) (सामूहिक बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार), 395 (डकैती), 396 (डकैती के दौरान हत्या), 201 (सबूत मिटाने), 120 बी (साजिश), 364 (हत्या के क्रम में अपहरण), 365 (गुप्त और गलत मंशा से रोकने के इरादे से अपहरण करना), 394 (लूटपाट करते हुए चोट पहुंचना), 412 (डकैती करके चुराई संपत्ति रखना) के तहत आरोप तय किये। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 2, 2013, 16:25