दिल्ली गैंगरेप: पुलिस और सफदरजंग स्टाफ की भूमिका को लेकर उच्चस्तरीय जांच

दिल्ली गैंगरेप: पुलिस और सफदरजंग स्टाफ की भूमिका को लेकर उच्चस्तरीय जांच

नई दिल्ली : दिल्ली सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती के प्रत्यक्षदर्शी दोस्त द्वारा घटनास्थल पर पुलिस के देर से आने, पीसीआर वैन के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव और सफदरजंग अस्पताल के स्टाफ की भूमिका सहित तमाम आरोपों की सरकार ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया है और सात दिन के भीतर जांच रपट सौंपने को कहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि मंत्रालय में संयुक्त सचिव वीना कुमारी मीना आरोपों की जांच करेंगी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान तथ्यों का पता लगाया जाएगा और यदि कोई चूक हुई है तो जिम्मेदारी तय की जाएगी। जांच अधिकारी को अपनी विस्तृत रपट सात दिन के भीतर सौंपने को कहा गया है।

अधिकारी के मुताबिक जांच में इस तथ्य का भी पता लगाया जाएगा कि जिस बस में 16 दिसंबर 2012 की रात वारदात हुई, पूर्व में दिल्ली पुलिस द्वारा कई बार चालान किये जाने के बावजूद वह सडक पर कैसे परिचालन कर रही थी।

अधिकारी ने बताया कि संयुक्त सचिव यह पता लगाएंगी कि घटनास्थल पर पहुंचने में पीसीआर वैनों ने कितना वक्त लगाया। मौके पर पहुंचने के बाद अधिकारक्षेत्र को लेकर क्या उन्होंने कार्रवाई में देरी की, यह भी जानने की कोशिश होगी। साथ ही यह जांच होगी कि क्या पीसीआर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने सभी आवश्यक कार्रवाई की या नहीं ?

अधिकारी ने बताया कि जांच अधिकारी से यह जांच करने को भी कहा गया है कि बस के पंजीकरण को निरस्त किया गया था या नहीं। उसे जब्त किया जा सकता था या नहीं। यदि नहीं तो उसकी वजह क्या थी ? अधिकारी ने बताया कि संयुक्त सचिव पीडितों की देखरेख करने या उनके उपचार में सफदरजंग अस्पताल के कर्मचारियों के भूमिका की जांच करेंगी।

उन्होंने बताया कि एक महिला रिपोर्टर द्वारा 100 नंबर की आपातकालीन हेल्पलाइन मिलाये जाने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिलने संबंधी हाल की अखबारी खबर पर भी गौर किया जाएगा और जिम्मेदारी तय की जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 8, 2013, 22:21

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