Last Updated: Tuesday, March 12, 2013, 00:33

नई दिल्ली : दिल्ली के बर्बर सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में सोमवार सुबह उस समय सनसनीखेज मोड़ आ गया जब मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली लेकिन उसके परिवार और वकीलों ने दावा किया कि राम सिंह की हत्या की गई।
इस घटना से विचाराधीन कैदियों की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि 35 वर्षीय राम सिंह (जिसके दाहिने हाथ में एक दुर्घटना के बाद थोड़ी खराबी आ गई थी) ने कारागार संख्या तीन में अपनी कोठरी की छत पर लगी एक छड़ से अपने कपड़ों की मदद से लटककर फांसी लगा ली।
हालांकि तिहाड़ जेल की महानिदेशक विमला मेहरा सहित अधिकारियों के इस घटना की विस्तृत जानकारी देने से इंकार करने से मौत का रहस्य और गहरा गया है।
जेल अधिकारियों ने एक आधिकारिक बयान में सिर्फ इतना कहा कि सिंह सुबह पांच बजकर 45 मिनट पर फांसी पर लटका पाया गया।
इसमें कहा गया कि आपराधिक दंड संहिता की धारा 176 के तहत एक न्यायिक अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच अधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के सही कारण पता चल सकेगा, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक विशेषज्ञों की रिपार्ट भी शामिल होगी।
सूत्रों ने कहा कि खुदकुशी की घटना शायद तड़के साढ़े तीन बजे से साढ़े पांच बजे के बीच हुई होगी। साढ़े तीन बजे सुरक्षा गार्ड बदलने के समय सबकुछ ठीक था। लेकिन दो घंटे बाद अगली बार गार्ड बदलने पर सिंह मृत पाया गया।
आज के घटनाक्रम के बाद इस मामले के चार अन्य वयस्क आरोपियों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चालक सिंह की मौत की खबर मिलते ही उसके वकीलों तथा परिवार ने तत्काल सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल के भीतर उसकी हत्या की गई है। उन्होंने इस बात पर विश्वास करने से इंकार किया कि उसने आत्महत्या की है।
इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आज गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की। शिंदे ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शुरुआती जांच से संकेत मिलते हैं कि सिंह ने खुदकुशी की है।
शिंदे ने इस मामले को ‘गंभीर’ और जेल विभाग की ‘बड़ी खामी’ बताया। इन आरोपों पर कि सिंह की हत्या की गयी है, शिंदे ने कहा कि एक मजिस्ट्रेट द्वारा जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा।
जेल सूत्रों ने बताया कि फारेंसिक विशेषज्ञों और दिल्ली पुलिस के एक दल ने नमूने एकत्र करने के लिए जेल परिसर का दौरा किया है। सिंह पिछले कुछ दिन से और कल शाम अवसाद में था। हालांकि उसके वकीलों ने इस बात का खंडन किया है।
यह रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत है, इसलिए दिल्ली सरकार ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से इसकी जांच कराने का आदेश दिया है।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सिंह ने जब आत्महत्या की, उस समय वह कोठरी में अकेला नहीं था। वहां तीन और कैदी भी मौजूद थे और एक गार्ड भी तैनात था। लेकिन किसी को भी इस बारे में पता नहीं चला। सुबह करीब पांच बजे वह लटका हुआ मिला।’
अधिकारी ने कहा कि सिंह का व्यवहार हिंसक था और उसका मूड अचानक बदलता रहता था। उसमें आत्महत्या की प्रवृत्ति थी, जिसके चलते उस पर ‘निगरानी’ रखी जा रही थी। हालांकि उसने बाद में लोगों से मिलना जुलना शुरू किया था, जिसके कारण निगरानी हटा ली गई थी।
सिंह को सामूहिक बलात्कार मामले में रोजाना हो रही सुनवाई के लिए पेश किया जाना था। घटना के प्रकाश में आते ही उसे तत्काल जेल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम के लिए उसका शव अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया।
गौरतलब है कि एक लड़की से सिंह और उसके पांच साथियों ने (जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था) दक्षिण दिल्ली में बलात्कार किया था। उन्होंने बलात्कार से पहले लड़की और उसके पुरुष मित्र को बर्बरता से पीटा भी था। लड़की की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
सिंह को सोलह दिसंबर की घटना के एक दिन बाद आरके पुरम स्थित उसके घर के पास से गिरफ्तार किया गया था। मामले में उसका भाई मुकेश भी चार अन्य लोगों के साथ आरोपी है।
सिंह उस बस का चालक था जिसमें लड़की से दुष्कर्म किया गया था। घटना के समय बस को सिंह का भाई मुकेश चला रहा था।
सभी वयस्क आरोपियों को हत्या और सामूहिक बलात्कार के आरोप में मौत की सजा तक हो सकती है। अन्य चार आरोपियों को साकेत अदालत लाया गया जहां वकील हड़ताल पर हैं।
राम सिंह की ओर से पेश होने का दावा करने वाले वकील एम एल शर्मा मामले को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय गए थे। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में मुकदमा सही ढंग से नहीं चल पाएगा। न्यायालय ने उनके आग्रह को खारिज कर दिया था।
सिंह के वकील वीके आनंद ने आरोपी की मौत की घटना के बाद कहा कि वह मामले को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित कराने के लिए फिर से उच्चतम न्यायालय जाएंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि यहां आरोपी सुरक्षित नहीं हैं।
एक संबंधित घटनाक्रम में, मामले की सुनवाई कर रही अदालत को सिंह की मौत की सूचना दी गई। सिंह के परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या की गई है और उन्होंने मामले में सीबीआई जांच की मांग की।
उसके पिता मांगेराम ने कहा, ‘उसने आत्महत्या नहीं की है। उसकी हत्या की गई है और फिर उसे लटका दिया गया। मैं ऐसा इस तथ्य के आधार पर कह रहा हूं क्योंकि सबूत मिटा दिए गए हैं। वह अपना हाथ हिला भी नहीं सकता था क्योंकि उसके हाथ की हड्डी टूटी थी।’
घटना पर टिप्पणी करते हुए लड़की के परिवार ने कहा कि वे इस घटना से ‘आश्चर्यचकित हैं, लेकिन दुखी नहीं हैं ।’ उन्होंने कहा कि वे चार अन्य को फांसी के फंदे पर लटकाये जाने का इंतजार कर रहे हैं।
पीड़ित के भाई ने कहा,‘हम आत्महत्या पर आश्चर्यचकित हैं लेकिन दुखी नहीं हैं। वह वरना दूसरी तरह से फांसी पर लटकता। हम उसकी सार्वजनिक फांसी चाहते थे। हो सकता है कि उसने शर्म के कारण फांसी लगाई हो। अब हम अन्य चार (आरोपियों) को फांसी दिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’
सिंह और चार अन्य की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि आत्महत्या की इस घटना में ‘कुछ गड़बड़ है।’ सिंह और उसके भाई मुकेश की ओर से पेश अधिवक्ता वीके आनंद ने आरोप लगाया कि कुछ गड़बड़ हुई है। वह इस तरह का व्यक्ति नहीं था कि आत्महत्या कर सके। जिस तरह से सुनवाई चल रही है, वह उससे बहुत खुश था।
आरोपियों विनय शर्मा और अक्षय सिंह के वकील एपी सिंह ने कहा कि राम सिंह की ‘जेल अधिकारियों ने हत्या कर दी’ और तिहाड़ अब विचाराधीन कैदियों के लिए सुरक्षित नहीं है। शुरुआत में सिंह की ओर से अदालत में पेश हो चुके वकील एमएल शर्मा ने भी आरोप लगाया कि सिंह की पुलिस ने हत्या कर दी।
उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने तिहाड़ जेल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ‘हैरानी’ की बात है कि जेल प्रशासन एक विचाराधीन कैदी की सुरक्षा नहीं कर सका। उन्होंने जांच की मांग भी की।
तिहाड़ जेल की पूर्व महानिदेशक किरन बेदी ने कहा कि केवल जांच यह बताएगी कि उसे (राम सिंह को) किस तरह की विशेष निगरानी में रखा गया और (घटना के समय) इस निगरानी को क्या हो गया।
उन्होंने कहा,‘इस व्यक्ति ने निगरानी को चकमा कैसे दे दिया? मुझे लगता है कि हमें जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए।’ (एजेंसी)
First Published: Monday, March 11, 2013, 21:20