Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 23:58

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में रविवार रात चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई 23 साल की पैरा-मेडिकल छात्रा की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। इस घटना ने समूचे देश को हिलाकर रख दिया है। देश ने सरकार से तुरंत न्याय की मांग की है।
दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने कहा कि इस बर्बरतापूर्ण घटना के सिलसिले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें बस का चालक राम सिंह, उसका भाई मुकेश, फल विक्रेता पवन गुप्ता और सीरी फोर्ट इलाके के एक जिम में प्रशिक्षक विनय शर्मा शामिल है। दो अन्य आरोपी अक्षय ठाकुर और राजू फरार हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने मुख्य आरोपी राम सिंह को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
इस घटना ने मंगलवार को संसद में उबाल ला दिया। दोनों सदनों में सभी दलों के सदस्यों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर नाराजगी व चिंता जताई तथा कई सांसदों ने दुष्कर्मियों को फांसी देने तक की मांग की।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) गठित करने तथा दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिया।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदस्यों ने यह मामला उठाया। सांसदों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल बाधित हुआ और दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। कार्यवाही फिर शुरू होने के बाद सदस्यों ने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
उधर, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने केंद्रीय गृह मंत्री शिंदे के बयान की मांग की। उन्होंने कहा, ‘ऐसे मामले में आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिए। बर्बरता की शिकार 23 साल की युवती की हालत नाजुक है। अगर वह बच भी गई तो जीवनभर जिंदा लाश बनकर रह जाएगी।’
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस घटना को शर्मनाक और रोंगटे खड़े करने वाली बताया। उन्होंने सरकार से इस मामले में तुरंत कड़ा कदम उठाने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने कहा, ‘सदन की चिंता में हम भी शामिल हैं। इस मामले में कठोर कदम उठाए जाएंगे।’
वहीं, कांग्रेस नेता गरिजा व्यास ने महिलाओं के साथ यौन प्रताड़ना रोकने के लिए सदन से एक विधेयक पारित करने की अपील की और कहा कि राज्यों को दुष्कर्म के मामलों में तुरंत न्याय दिलाने के लिए त्वरित अदालतें गठित करनी चाहिए।
गृह सचिव की अध्यक्षता में समिति केंद्रीय गृह मंत्री शिंदे ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की निगरानी के लिए सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन एक एसटीएफ गठित करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जो सदस्यों के सुझावों पर कार्रवाई के लिए दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखेगी।’
सदस्यों द्वारा इस घटना के प्रति नाराजगी जताए जाने के बाद उन्होंने कहा, ‘इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।’
शिंदे ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों के मद्देनजर कानून को सख्त बनाने के लिए आपराधिक कानून विधेयक पहले ही लोकसभा में पेश किया जा चुका है। इस संशोधन विधेयक में बलात्कारियों को और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
वहीं तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ`ब्रायन ने कहा कि वह भी एक किशोरी के पिता हैं और इस घटना ने उनके मन में भी भय पैदा कर दिया है।
ओ`ब्रायन ने कहा, ‘इस घटना ने मुझे हिलाकर रख दिया है। मैं नर्वस हूं और 17 साल की एक बेटी के पिता होने के नाते डरा हुआ हूं।’
जया के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजमा हेपतुल्ला, शिव सेना के मनोहर जोशी तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राम कृपाल यादव ने बलात्कारियों को फांसी की सजा देने की मांग की।
भाजपा की माया सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधियों को किसी तरह की कानूनी सहायता नहीं मिलनी चाहिए।
जनता दल-युनाइटेड (जद-यु) के शिवानंद तिवारी ने कहा कि मीडिया में महिलाओं को एक वस्तु के तौर पर पेश करने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं।
भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सदन को आश्वस्त करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
कांग्रेस ने भी दिया विपक्ष का साथइस मामले को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस भी विपक्ष के साथ नजर आई। कांग्रेस सदस्य रेणुका चौधरी ने सलाह दी कि सभी महिला सांसदों को दिल्ली की मुख्यमंत्री तथा शहर के पुलिस आयुक्त से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मेरी सलाह है कि सभी महिला सांसदों को दिल्ली की मुख्यमंत्री और पुलिस आयुक्त से मिलना चाहिए, ताकि इसके लिए कार्य योजना बनाई जा सके कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।’
इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया और कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
शीला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘सरकार सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।’ उन्होंने कहा कि जिस बस में यह घटना हुई थी उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और इस मामले की सुनवाई एक त्वरित अदालत में होगी।
पुलिस ने इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें बस का चालक राम सिंह भी शामिल है।
मौत से जूझ रही पीड़िता यह घटना रविवार की रात को उस वक्त हुई थी जब युवती अपने दोस्त के साथ फिल्म देखने के बाद मुनीरका से द्वारका लौटने के लिए एक निजी बस में बैठ गई। युवती से दुष्कर्म के बाद उसे चलती बस से फेंक दिया गया था। वह फिलहाल सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है और मौत से जूझ रही है।
एक चिकित्सक ने कहा,‘मरीज की हालत गंभीर है। वह अब बोलने का प्रयास कर रही है। हम कह सकते हैं कि उसे गंभीर चोटें आई हैं। उसकी आंत बुरी तरह क्षतिग्रस्त है।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 23:58