दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

नई दिल्ली : सामूहिक बलात्कार की शिकार लड़की का बयान दर्ज करने में पुलिस हस्तक्षेप के संबंध में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की ओर से हमले झेल रहे दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने बुधवार को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोपों का खंडन किया है।

अपने पत्र में कुमार ने बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने वाली एसडीएम पर पुलिस की ओर से अपने प्रश्न थोपे जाने और पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी कराने से इंकार करने के आरोपों का खंडन किया है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस ने कहा था कि लड़की का बयान दर्ज कर लिया जाए क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ उसकी हालत खराब हो रही है।

कुमार ने कहा कि जांच पुलिस का काम था और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए वह बेहतर काम कर रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र लिख कर कहा था कि उपायुक्त (पूर्वी) बीएम मिश्र ने उन्हें बताया है कि एसडीएम उषा चतुर्वेदी का कहना है कि पीड़िता का बयान दर्ज करते वक्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया।

इस बीच, गृहमंत्रालय ने आज कहा कि उसने इस विवाद पर तुरंत समुचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। अधिकारी ने ज्यादा विस्तार से जनकारी दिए कहा कि गृह मंत्रालय को दिल्ली की मुख्यमंत्री का शिकायत पत्र भी मिला है और पुलिस आयुक्त की ओर से आरोपों का खंडन करने वाला पत्र भी प्राप्त हुआ है। मंत्रालय ने दोनों पत्रों का आशय समझ लिया है और तुरंत समुचित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि रविवार 16 दिसंबर की रात चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। सफदरजंग अस्पताल में भर्ती छात्रा की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 26, 2012, 14:01

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