Last Updated: Sunday, September 11, 2011, 07:05
नई दिल्ली. अब तक खाक छान रही दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपनी जांच के बीच अमेरिका से हाईकोर्ट ब्लास्ट के सिलसिले में मदद मांगी है. भारत ने अमेरिका से अनुरोध किया है यदि उसके पास धमाके से जुड़े बातचीत और सिग्नल की कोई जानकारी है तो वो मुहैया कराए.
इस बीच हाईकोर्ट के बाहर 7 सितंबर को हुए धमाके के चार दिन बाद एनआईए को कुछ सुराग हाथ लगा है. यह सुराग बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है. संकेत है कि धमाके में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है. इसमें मिल रहे सुराग से पता चलता है कि धमाका कराने के लिए सेलफोन का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. मोबाइल फोन के टुकड़े और इस पर मिले विस्फोटक के निशान से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. जांचकर्ताओं को अब लग रहा है कि धमाके के लिए अमोनियम नाइट्रेट नहीं, बल्कि आरडीएक्स या पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया हो सकता है.
दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके की जिम्मेदारी हूजी और इंडियन मुजाहिदीन ने ईमेल भेज कर ली है. इस मामले में चार ईमेल आ चुके हैं. इनकी जांच चल रही है, लेकिन अभी तक इनकी सच्चाई का पता नहीं चल पाया है. इस सिलसिले में जो गिरफ्तारियां हुई हैं, उनसे भी कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है.
तकनीकी मदद के लिए निजी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है और राज्यों से जांच में सहयोग को कहा गया है. दिल्ली पुलिस ने राजधानी के होटल और गेस्टहाउस मालिकों से ब्लास्ट से सात दिन पहले और इसके बाद तक की सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग मांगे हैं. ताकि इन जगहों के आसपास के सीसीटीवी फुटेज से इनका मिलान किया जा सके.
First Published: Sunday, September 11, 2011, 12:35