Last Updated: Wednesday, December 19, 2012, 12:07
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के सामाजिक विकास संस्थान की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में हर 40 मिनट में एक महिला का अपहरण और बलात्कार होता है। इसके अलावा शहर की सड़कों पर हर घंटे एक महिला शारीरिक शोषण की शिकार होती है और हर 25 मिनट में छेड़छाड़ की घटना होती है। एसोचैम की रिपोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि दिल्ली और एनसीआर की महिलाएं दिन और रात में सार्वजनिक स्थल पर भी असुरक्षित महसूस करती हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा यह सर्वेक्षण दिल्ली, एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे और देहरादून सहित कई शहरों में किया गया जिसमें शत प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की समस्या देश की किसी भी समस्या से ज्यादा बड़ी है।
सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि राजधानी दिल्ली में विभिन्न सेक्टरों में काम करने वाली 92 प्रतिशत महिलाएं रात्रि पाली में काम करने के दौरान खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। देश में बड़ी संख्या में महिलाएं बीपीओ आतिथ्य सत्कार क्षेत्र, नागरिक उड्डयन, चिकित्सा सेवा, वस्त्र उद्योग तथा मीडिया क्षेत्र में काम करती हैं। इन क्षेत्रों में देर रात तक काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है।
सर्वेक्षण में दिल्ली की 92 प्रतिशत, बेंगलुरु की 85 प्रतिशत, कोलकाता की 82 प्रतिशत और हैदराबाद की 18 प्रतिशत महिलाओं ने स्वीकार किया कि वह दिन और रात दोनों ही पाली में काम करने में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। देर रात तक काम करना बदलते वक्त की मांग है ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा आज एक बड़ी समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए 92 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को गैर जमानती श्रेणी में डाला जाना चाहिए और इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए।
First Published: Wednesday, December 19, 2012, 09:01