Last Updated: Wednesday, January 16, 2013, 21:36
नई दिल्ली : चलती बस में पिछले महीने एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की घटना के परिप्रेक्ष्य में संसद की एक समिति ने दिल्ली की यातायात पुलिस को राज्य सरकार के तहत लाने का समर्थन किया है क्योंकि उसका मानना है कि अपराधी प्राधिकारों की बहुलता का फायदा उठाते हैं। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली गैंगरेप घटना के परिप्रेक्ष्य में देश भर में सड़क सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर समिति ध्यान केन्द्रित कर रही है।
समिति ने कहा कि दिल्ली के मामले में बहुत विचित्र स्थिति है कि दिल्ली के परिवहन आयुक्त और दिल्ली का परिवहन विभाग वाहनों के यातायात को लेकर नियम बनाता है लेकिन इन नियमों के कार्यान्वयन का अधिकार यातायात पुलिस के पास है जो केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है। माकपा नेता सीताराम येचुरी की अध्यक्षता वाली यातायात संबंधी संसद की स्थायी समिति ने इस बारे में आज चर्चा की।
समिति के एक सदस्य ने कहा कि समग्र नीति बनाने की आवश्यकता है। हम सुझाव देने जा रहे हैं कि यातायात पुलिस दिल्ली सरकार के तहत लायी जानी चाहिए। इसने इस बात पर चिन्ता का इजहार किया कि अपराधी प्राधिकारों में बहुलता का फायदा उठाते हैं। दिल्ली में विचित्र स्थिति है जहां पुलिस का नियंत्रण सीधे तौर पर केन्द्र सरकार के पास है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 16, 2013, 21:36