Last Updated: Friday, February 1, 2013, 21:27

नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार पर निशाना साधते हुये आरोप लगाया कि राजधानी की बिजली वितरण कंपनियों ने अपने रिकार्ड में हेराफेरी कर कमाई में घाटा दिखाने की धोखाधड़ी की जबकि वास्तव में वे मुनाफे में हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल ने यह दावा भी किया कि दिल्लीवासी उस बिजली शुल्क से दोगुना अधिक अदा कर रहे हैं, जो वास्तव में उन्हें अदा करना चाहिये।
उन्होंने शीला पर वर्ष 2010 में दिल्ली बिजली नियामक आयोग को वह आदेश जारी करने से रोकने का आरोप लगाया, जिसमें बिजली की दरों में 23 फीसदी कटौती की सिफारिश की गयी थी। उन्होंने कहा कि बिजली की जो मौजूदा दर है, उससे आधी होनी चाहिए। आम आदमी पर बोझ बढ़ाकर बिजली कंपनियों ने 3,577 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तत्कालीन डीईआरसी प्रमुख ब्रिजेंदर सिंह को पांच मई 2010 को एक आदेश जारी करना था लेकिन दिल्ली सरकार ने चार मई को उन्हें एक पत्र लिख उन्हें आदेश जारी करने से रोका।’
उधर मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन आरोपों को झूठ का पुलिंदा करा दिया। दिल्ली के बिजली मंत्री हारुन युसुफ ने कहा कि केजरीवाल ‘‘मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वह कुछ भी नया नहीं कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। जिस आदेश की बात वह कर रहे हैं उसपर डीईआरसी के तीनों सदस्यों ने हस्ताक्षर नहीं किये थे। इसलिये आप इसे शुल्क आदेश नहीं कह सकते। यहां तक की दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी फैसला दिया कि यह डीईआरसी का आदेश नहीं था। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 1, 2013, 17:58