Last Updated: Tuesday, December 27, 2011, 10:24
ज़ी न्यूज ब्यूरो मुंबई : भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे ने मुंबई के एमएमआरडीए मैदान से एक बार फिर हुंकार भरी और कहा कि एक सशक्त लोकपाल विधेयक पर सरकार हम लोगों से धोखाधड़ी कर रही है। अन्ना ने मंगलवार को कहा कि ये धोखाधड़ी मेरे या मेरी टीम के साथ नहीं, बल्कि देश की जनता के साथ की जा रही है और इसके खिलाफ जंग जारी रहेगी।
अन्ना ने कहा कि उन्हें मौत से डर नहीं लगता। मेरा जीवन देश को समर्पित है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रहेगी। हमारी सरकार से मांग है कि सीबीआई को स्वतंत्र करो और नया लोकपाल बिल लेकर आओ।
आंदोलन के मंच से देश की जनता को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि दिल्ली की संसद से देश की जनता (जन संसद) बड़ी है। एक मजबूत लोकपाल देश को हर हाल में चाहिए। अगर सरकारी लोकपाल आया तो यह सिर्फ कोर्ट में केसों की संख्या ही बढ़ाएगा। अन्ना ने कहा कि जनलोकपाल के बाद राइट टू रिजेक्ट के लिए लड़ना है। राइट टू रिजेक्ट कानून बना तो गुंडे लोग चुनकर संसद नहीं पहुंचेंगे। अन्ना ने कहा कि हम किसी कीमत पर नहीं झुकेंगे, चाहे जेल क्यों न जाना पड़े।
अन्ना ने कहा कि वह मरते दम तक देश की भलाई के लिए काम करेंगे और इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्हें जान जाने की परवाह नहीं है। यहां के एमएमआरडीए मैदान में प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए तीन दिवसीय अनशन शुरू करने के बाद जनसमूह को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उन्हें हालांकि बुखार था, फिर भी लोगों के समर्थन ने उन्हें आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि मुझे मृत्यु का भय नहीं है। मैंने निर्णय लिया है कि जब भी मरूं तो देश के लिए मरूं। मरते दम तक मैं देश की भलाई के लिए काम करूंगा।
अन्ना हजारे ने कहा कि चिकित्सकों ने मेरी जांच की है। पहले मेरे शरीर का तापमान ठीक था लेकिन अब बढ़ गया है। आप सभी को यहां मौजूद देखकर मुझे प्रेरणा मिली है और मेरा मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले 35 वर्षों से लड़ते आ रहे हैं। पहले तो वह अपने प्रियजनों की बात टालते रहे, आखिरकार समूचा देश उनका परिवार बन गया।
अन्ना ने कहा कि मैं इधर पांच साल से भ्रष्टाचार के लिखाफ लगातार लड़ता रहा हूं और किसी से कुछ लिया नहीं। मेरे पास एक थाली है, एक बिस्तर है और एक मंदिर के भीतर सोने के लिए थोड़ी जगह मिल जाती है। पिछले 35 वर्षों में मैं अपने परिवार के पास नहीं गया, अब तो समूचा देश ही मेरा परिवार है। अन्ना मुंबई के उपनगर बांद्रा-कुर्ला परिसर स्थित अनशन स्थल पर पहुंचने से पहले जुहू समुद्र तट पर गए, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जुहू समुद्र तट से शुरू हुई रैली में लोग जुड़ते गए और अन्ना हजारे बड़ी संख्या में आए लोगों के साथ अनशन स्थल पर पहुंचे।
First Published: Wednesday, December 28, 2011, 11:39