दीपा दासमुंशी ने की `एकला चलो रे` की पैरवी

दीपा दासमुंशी ने की `एकला चलो रे` की पैरवी

दीपा दासमुंशी ने की `एकला चलो रे` की पैरवी जयपुर : राज्यों में अन्य दलों के साथ गठबंधन के खिलाफ आज कांग्रेस में आवाज उठी। केन्द्रीय मंत्री दीपा दासमुंशी ने कहा कि गठबंधन पार्टी के लिए महंगे साबित हुए हैं चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या तमिलनाडु, बिहार या महाराष्ट्र में हो।

‘एकला चलो रे’ की मजबूती से वकालत करते हुए दीपा ने सवाल किया कि यदि केन्द्रीय सत्ता में आने के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की बाध्यता के चलते 2014 में कांग्रेस समाप्त हो जाए तो क्या होगा? तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की धुर विरोधी दीपा ने कांग्रेस आलाकमान को आगाह किया कि पश्चिम बंगाल कांग्रेस से 2014 के चुनावों में तृणमूल के साथ फिर से गठबंधन करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल का ग्राफ तेजी से चढ़ा है। कांग्रेस से गठजोड़ के कारण इसके सांसदों की संख्या एक से बढ़कर 19 हो गयी। 2011 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के कारण कांग्रेस की कुर्बानी हो गयी। ‘हम जब कभी भी क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करते हैं, हमें नुकसान होता है और क्षेत्रीय दल कांग्रेस की कीमत पर सत्ता में आ जाते हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 20, 2013, 18:20

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