Last Updated: Monday, December 24, 2012, 15:44
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद इस तरह के मामलों में दोषियों की सजा कड़ी किए जाने और त्वरित सुनवाई के लिए कानून में संशोधन पर सुझावों के लिए सरकार ने सोमवार को प्रख्यात न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने की घोषणा की।
सरकार से दोषियों को सख्त सजा दिए जाने की मांग की जा रही थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी एक वक्तव्य के मुताबिक देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे.एस. वर्मा समिति की अध्यक्षता करेंगे। इसमें कहा गया है कि हाल की घटना के मद्देनजर सरकार ने इस बात को गम्भीरता से लिया है कि यौन उत्पीड़न के बढ़ते मामलों में त्वरित न्याय दिलाने व इस तरह के अपराधों में दंड बढ़ाने के लिए वर्तमान कानूनों की समीक्षा की आवश्यकता महसूस की है।
समिति के अन्य सदस्यों में हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) लीला सेठ और भारत के पूर्व महाधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम शामिल होंगे। समिति 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
दिल्ली में 16 दिसम्बर को चलती बस में एक 23 वर्षीया युवती के साथ छह पुरुषों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बाद समिति गठित करने का फैसला लिया गया। पीड़िता महिला यहां एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 24, 2012, 15:44