Last Updated: Thursday, December 27, 2012, 16:48

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मुंबई : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर अपरोक्ष तौर पर हमला करते हुए कहा कि इस सरकार के पास विकास का कोई रोडमैप ही नहीं है।
मोदी आज राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की बैठक में शामिल होने आए थे। एनडीसी की बैठक के बाद मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के पास विकास का कोई रोडमैप नहीं है। मौजूदा समय में देश नीति और नेतृत्व की कमी झेल रहा है। नेता, नीतिओं के अभाव में ठहराव के हालत में है देश।
मोदी ने कहा कि एनडीसी बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और और मोंटेक सिंह अहलूवालिया का भाषण काफी निराशाजनक रहा। उन्होंने कहा कि देश में विकास दर का लक्ष्य ही काफी कम रखा गया है। विकास दर का लक्ष्य कम होना निराशाजनक है। ग्रोथ नेगेटिव ग्रोथ की दिशा में है। मोदी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि ऊर्जा और ढांचागत क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने मांग की कि प्राकृतिक संसाधनों की हिफाजत के लिए एक आयोग बनाया जाना चाहिए और इसमें राज्यों का हिस्सा तय किया जाना चाहिए। पावर प्लांट को फ्यूल को लेकर पॉलिसी भी बनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश की 65 फीसदी आबादी युवाओं की है, इसलिए युवाओं की प्रतिभाओं को निखारना जरूरी है।
देश में महिलाओं की सुरक्षा और मौजूदा संदर्भ में कहा कि आज गुजरात में महिलाओं की हालत बेहतर है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप ठीक नहीं, यह गलत है। आज महिलाओं की सुरक्षा बेहद चिंता का विषय है।
मोदी ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता द्वारा एनडीसी की बैठक से बहिर्गमन करने को जायज करार दिया। साथ ही सरकार पर उन्हें अपमानित करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी से निराशा का बोध होता है। राजनीतिक खेमे में विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत को प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी की दावेदारी की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन, मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका के बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया।
मोदी के मुताबिक 12वीं योजना के लिए अनुमानित 9 प्रतिशत विकास दर को सरकार ने कम कर 8.2 प्रतिशत कर दिया था और अब वह कह रही है कि 8 प्रतिशत का विकास दर भी हासिल कर पाना बेहद मुश्किल है। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार वैश्विक मंदी के कारण जीडीपी के कम रहने का बहाना बना सकती है, लेकिन राज्य ऐसा नहीं कर सकते। सरकार के पास आर्थिक विकास का खाका होना चाहिए और उसे कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए जन संपदा का लाभ उठाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि नकारात्मक दिशा में चल पड़ी चीजों को सकारात्मक राह पर लाना मुश्किल होता है। उन्होंने आगे कहा कि 12वीं योजना के पहले साल का तीन चौथाई समय बीत चुका है, तो फिर आप विकास लक्ष्य कहां से हासिल करेंगे।
First Published: Thursday, December 27, 2012, 14:33