देश निमार्ण के लिए विदेश से लौटें युवा: चिदंबरम

देश निमार्ण के लिए विदेश से लौटें युवा: चिदंबरम

देश निमार्ण के लिए विदेश से लौटें युवा: चिदंबरममोहाली : युवा प्रतिभा को देश निर्माण में योगदान देने के लिये कहते हुये केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज देश के मानव संसाधन को विश्व के विभिन्न इलाकों में कुछ साल रहकर वापस आने के लिये कहा ताकि वह अपने देश की चुनौतियों से निपट सकें।

इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के परिसर के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने छात्रों से कहा, ‘करीब 11-12 महीनों बाद आपकी चाहत होगी कि अमेरिका या दूसरे देशों में बस जायें..यह एक स्वाभाविक इच्छा है.. भारतीय मानव संसाधन को दुनिया भर में अवसर मिलेंगे..इन अवसरों का लाभ उठाइये..कुछ साल बिताइये..पर याद रखिये कि दुनिया में भारत जैसा कोई और दूसरा मुल्क नहीं है जो आपको चुनौतियां दे सके। उन्होंने कहा, जहां इच्छा हो वहां जाइये चाहे अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका, पूर्वी एशिया या अफ्रीका पर कृपया याद रखिये कि भारत ही है जो आपको चुनौतियां मुहैया करा सकता है। ब्रेन ड्रेन पर चिदंबरम ने कहा, सबसे बड़ी चुनौती भारत निर्माण है। उन्होंने कहा, एक समय पर भारत वापस आइये और भारत निर्माण में सहयोग कीजिये..चुनौतियां सिर्फ व्यापार में ही नहीं और क्षेत्रों में भी हैं।

वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि देश को वैश्विक स्तर के संस्थान बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश भर में प्रतिभा मौजूद है और वैश्विक स्तर के संस्थान बनाना ही अहम कार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर के संस्थानों में प्रवेश के लिये योग्यता के साथ समझौता न हो। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय शिक्षा ऋण योजना के लिये प्रतिबद्ध है।

वित्त मंत्री ने कहा, भारत में 24 लाख विद्यार्थियों ने शिक्षा के लिये कर्ज लिया है। उन्होंने कहा कि बैंकों को शिक्षा के लिये अधिक कर्ज देना चाहिये। उन्होंने यह भी कहा कि उर्जा क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के लिये कोई नहीं आता है। चिदंबरम ने कहा, देश में भारी प्रतिभा है पर अवसर बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि देश में उपलब्ध प्रतिभा और अवसरों में असंतुलन है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 18 विश्वविद्यालयों की जरूरत है पर अभी सिर्फ आठ विश्वविद्यालय हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 2, 2012, 20:41

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