Last Updated: Tuesday, July 3, 2012, 14:36

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि मॉनसून की हालत चिंताजनक नहीं है। मॉनसून में देरी को सूखा कहना जल्दबाजी होगी। मॉनसून के ढीले रवैये के चलते अभी तक फिक्र की बात बनी है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि देश में दो जुलाई तक 31 फीसदी कम बारिश हुई है। देश में अभी सूखे जैसे हालात नहीं हैं। धान की बुवाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
पवार ने कहा कि जी हां, मानसून में दो सप्ताह की देरी हुई है, लेकिन स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जितनी बताई जा रही है। हम आशा करते हैं कि अगले सप्ताह से बारिश जोर पकड़ेगी। पवार ने कहा कि दो जुलाई तक सामान्य से 31 प्रतिशत कम बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने मुझे बताया है कि जुलाई और अगस्त में मानसून अच्छा रहेगा और जून में मानसून में हुई देरी की कमी पूरी हो जाएगी।
कुछ राज्यों में शुरुआती बुवाई पर असर पड़ा है। पवार ने कहा कि यह सच है कि खास राज्यों में शुरुआती बुवाई पर असर पड़ा है, खासतौर से महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश में, तथा उत्तर प्रदेश व बिहार के कुछ हिस्सों में।
पवार ने कहा कि देश में अनाज के पर्याप्त भंडार उपलब्ध हैं और यदि राज्यों की ओर से मांग हुई, तो सरकार आपूर्ति के लिए तैयार है। सरकार खुले बाजार में प्रवेश करने पर उचित समय पर निर्णय लेगी। पवार ने यह भी कहा कि राज्य भी अपनी आपात योजना के साथ तैयार हैं और उनसे तैयार रहने के लिए कहा गया है।
पवार ने कहा कि 2011 सर्वोत्तम फसल उत्पादक वर्ष रहा है और एक सामान्य वर्ष से इसकी तुलना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हो सकता है इस वर्ष के हालात पूरी तरह संतोषजनक न हो, लेकिन यह दुख की बात नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 3, 2012, 14:36