Last Updated: Friday, May 3, 2013, 14:40
नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर ने थावर चंद गहलोत के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 (1982 में संशोधित) में सिफारिश की गई है कि राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति एक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा पर आधारित होगी। इसमें अन्य लचीले घटकों के सहित सभी के लिए सामान्य अनिवार्य विषय निहित होंगे।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड :केब: ने वर्ष 2005 में सभी राज्यों द्वारा अपने कैरिकुलम, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों को राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा ढांचा (एनसीएफ) के आधार पर संशोधित करने की जरूरत पर बल दिया है। थरूर ने कहा कि सीएबीई ने देश के सभी शिक्षा बोर्डो में माध्यमिक स्तर पर विज्ञान एवं गणित में कोर कैरिकुलम की जरूरत पर बल दिया है ताकि पेशेवर पाठ्यक्रम लेने के लिए सभी छात्रों को एकसमान अवसर मिल सके।
उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परिषद की 16 फरवरी 2010 को हुई बैठक में 21 बोर्डो ने उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान एवं गधित में एक कोर कैरिकुलम अपनाने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय किया। मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी ने कोर पाठ्यक्रम तैयार किया है और उच्चतम माध्यमिक स्तर के लिए विज्ञान, गणित, वाणिज्य, अर्थशास्त्र की पाठ्यपुस्तकों को संशोधित किया है। इन्हें राज्य बोर्डो द्वारा अपनाया जा रहा है या अपनाया गया है।
उन्होंने कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कोई योजना नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 3, 2013, 14:40