देशभर में श्रद्धापूर्वक मनाई गई रामनवमी - Zee News हिंदी

देशभर में श्रद्धापूर्वक मनाई गई रामनवमी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और धर्म नगरी अयोध्या सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रविवार को रामनवमी का त्योहार श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। भगवान राम के जन्मोत्सव पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई तथा जगह-जगह शोभायात्राएं निकाली गईं।

 

राष्ट्रीय राजधानी के लोधी रोड स्थित साईं मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दिल्ली शहर के प्रमुख राम मंदिरों की ओर से शोभायात्राएं निकाली गईं। कहीं-कहीं राम जन्मोत्सव का मंचन भी किया गया। नवरात्र का अंतिम दिन होने के कारण छतरपुर के कात्यायनी मंदिर और झंडेवालान स्थित माता मंदिर में देवी भक्तों की काफी भीड़ देखी गई।

 

पौराणिक मान्यता के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इसी कारण उत्तर प्रदेश की अयोध्या में देश के कोने-कोने से आए हजारों भक्तों ने भगवान राम के जन्मोत्सव पर्व पर 'जय श्री राम' के जयकारे लगाते हुए पवित्र सरयू नदी में स्नान किया और फिर रामलला और हनुमान गढ़ी सहित विभिन्न मंदिरों में दर्शन किए। यहां के मंदिरों में विशेष सजावट की गई और मेला का आयोजन भी किया गया।

 

राम जन्मोत्सव का मुख्य आयोजन हनुमान गढ़ी से सटे कनक भवन में किया गया। पूरी अयोध्या में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रिमत शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, "सरयू घाटों से लेकर मंदिरों व मेले के चारों तरफ सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं।"

 

उधर, लखनऊ के चौक स्थित कल्लीजी राम मंदिर, निशातगंज स्थित टीकम राम साई मंदिर और लाल बाग स्थित हरिओम मंदिर में शोभायात्रा निकाली गई। कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में भी रामनवमी के अवसर पर विविध आयोजन हुए और शोभायात्राएं निकाली गईं।

 

मध्य प्रदेश में रविवार को दोपहर के 12 बजते ही देवालयों में 'भए प्रकट कृपाला' के उद्घोष गूंज उठे और पूरा वातावरण राममय हो गया।

 

चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन नवमी तिथि को सुबह से ही देवालयों में विशेष अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया। देवालयों में राम जन्मोत्सव की तैयारियां पहले से की गई थीं। दोपहर के 12 बजे भगवान राम का 'जन्म' होते ही बधाई गीत गाए जाने लगे और सभी जयकारा लगाते हुए झूम उठे।

 

भोपाल के सभी प्रमुख मंदिरों में पूरे दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। बिड़ला मंदिर में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पूजा-पाठ और विशेष अनुष्ठान किया। इसी तरह अरेरा कालोनी के राम मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी-लम्बी कतारें लगी रहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास पर भी विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। चौहान ने स्वयं रामायण का पाठ किया।

 

बुंदेलखण्ड की अयोध्या माने जाने वाले ओरछा के रामराजा मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। राम जन्मोत्सव के समय महिलाओं ने बधाई गीत गाए और नृत्य किया। देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे श्रद्धालु भी भक्ति के रंग में डूबे रहे और नाच-गाकर अपनी खुशी का इजहार किया।

 

इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में भी राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसके अलावा विभिन्न देवी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ हवन व कन्याभोज का आयोजन भी किया गया।

 

मुम्बई सहित समूचे महाराष्ट्र में भी रामनवमी श्रद्धा और उमंग के साथ मनाई गई। शहर के मंदिरों में भजन-कीर्तन हुए और 'प्रसादम्' का वितरण किया गया। कई स्थानों पर नौ दिन से चल रहे 'राम चरित मानस' का रविवार को समापन हुआ। पालना में भगवान राम के बालरूप की मूर्ति रखकर शोभायात्राएं निकाली गईं। वहीं, देवी भक्तों ने नवरात्र व्रत का समापन किया।

 

झारखण्ड की राजधानी रांची के अलावा हजारीबाग, जमशेदपुर, धनबाद और चतरा में झांकियां निकाली गईं। स्वयंसेवी संगठनों के प्रयास से माहौल सौहार्दपूर्ण रहा। बिहार की राजधानी पटना के महावीर मंदिर के अलावा मिथिलांचल के सीतामढ़ी में राम जन्मोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया।

 

जम्मू स्थित वैष्णो मंदिर में हजारों श्रद्धालु पहुंचे। यहां नौ दिनों से चल रहे महाचंडी यज्ञ का समापन रामनवमी के अवसर पर हुआ। कटारा स्थित आधार शिविर में माता वैष्णो देवी स्थापना बोर्ड की ओर से श्रद्धाओं के मुफ्त रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 1, 2012, 20:17

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