देशमुख को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, उमड़ा जन सैलाब

देशमुख को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, उमड़ा जन सैलाब

देशमुख को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, उमड़ा जन सैलाबबाभलगांव (महाराष्ट्र) : हजारों समर्थकों और परिजनों ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। देशमुख के उसी पैतृक गांव में आज उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, जहां से चार दशक पहले उन्होंने एक सरपंच के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरूआत की थी। उनके अंतिम संस्कामर में जल सैलाब उमड़ पड़ा।

लातूर शहर के बाहरी क्षेत्र में बसे इस गांव में देशमुख के पार्थिव शरीर की झलक पाने के लिए आए लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं। देशमुख ऐसे भूमिपुत्र थे जो स्थानीय लोगों के बीच से उठकर मुंबई और दिल्ली की सत्ता के गलियारों में पहुंचे थे।

देशमुख के अंतिम संस्कार के अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल व्यालार रवि, राजीव शुक्ला, मुकुल वासनिक, महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन, मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार सहित विभिन्न नेता और बालीवुड की कई हस्तियां मौजूद थीं।

मृदुभाषी देशमुख ने अपनी दोस्ती के बीच राजनीतिक संबंधों को कभी आड़े नहीं आने दिया। यही कारण है कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, उनकी पार्टी के लोकसभा में उप नेता गोपीनाथ मुंडे भी इस अवसर पर मौजूद थे। इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री धर्म सिंह भी आए थे।

अंतिम संस्कार देशमुख के सबसे बड़े पुत्र एवं लातूर के विधायक अमित ने पारिवारिक खेत पर किया। उनका अंतिम संस्कार उस जगह के समीप किया गया जहां उनके पिता दगडोजीराव देशमुख की अंत्येष्ठि की गई थी। देशमुख (67) का निधन कल चेन्नई के ग्लोबल हास्पिटल में हुआ था। वह यकृत संबंधी बीमारी से ग्रस्त थे। निधन से एक हफ्ते पहले उन्हें वायु मार्ग के जरिये नाजुक स्थिति में मुंबई से चेन्नई ले जाया गया था।

इससे पूर्व मनमोहन और सोनिया ने देशमुख की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र चढ़ाया। राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके देशमुख के शव को दयानंद विद्यालय में रखा गया ताकि स्थानीति जनता उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दे सके। सोनिया देशमुख की पत्नी वैशाली के पास गई जो उन्हें देखकर रो पड़ी। कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें ढांढस बंधवाया। प्रधानमंत्री ने दिवंगत नेता के पुत्र अमित के पास जाकर शोक जताया। देशमुख की पत्नी, अभिनेता पुत्र रितेश और धीरज सहित परिजनों ने इन नेताओं द्वारा जतायी जाने वाली संवेदना को हाथ जोड़कर स्वीकार किया। देशमुख के शव को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से लाया गया। उनका शव यहां पहुंचने से पहले सैकड़ों लोगों की भीड़ सुबह से लातूर शहर में जमा होने लगी और सैकड़ों लोग हवाई अड्डे से बाभलगांव तक की सड़क पर घंटों इंतजार करते रहे।

दिवगंत नेता की लोकप्रियता के चलते शोक व्यक्त करने आये लोगों ने सड़क पर कई जगह उनका शव ला रहे काफिले को रोक लिया ताकि उनकी अंतिम झलक पाई जा सके। काफिले को हवाई अड्डे से देशमुख के गांव की 14 किलोमीटर दूरी तय करने में करीब ढाई घंटे लग गए।

देशमुख की पार्थिव देह वाली शवपेटिका को जब बाभलगांव में रखा गया तो उनकी अंतिम झलक पाने को बेताब भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं । उनके निधन की खबर आने के बाद लातूर की दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को कल से ही बंद कर दिया गया था। दयानंद विद्यालय, जहां देशमुख की पार्थिव देह को रखा गया था, वहां अपने बच्चों के साथ आई कई महिलाएं फूट-फूटकर रो रही थी। देशमुख की पार्थिव देह को उनके पैतृक आवास देशमुख गढ़ी ले जाया गया ताकि करीबी परिजन उन्हें अंतिम विदाई दे सके। अमित ने जब उनकी चिता को मुखाग्नि दी तो लोग ‘विलासराव देशमुख अमर रहे’ और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा विलासराव तेरा नाम रहेगा’ के नारे लगा रहे थे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 15, 2012, 20:01

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