Last Updated: Tuesday, February 28, 2012, 14:28
नई दिल्ली : देश के 11 प्रमुख श्रमिक संघों के आह्वान पर बुलाई गई 24 घंटे की हड़ताल का मंगलवार को मिला जुला असर रहा। हड़ताल के कारण बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ जबकि कुछ राज्यों में परिवहन सेवाओं पर भी इसका असर देखा गया। हालांकि, आमतौर पर सामान्य जन जीवन इससे अप्रभावित रहा।
सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों और महंगाई के विरोधस्वरुप आयोजित यह देशव्यापी हड़ताल कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही, कहीं से भी हिंसा की किसी घटना का समाचार नहीं है। हवाई सेवायें सामान्य रहीं जबकि प्रदर्शनकारियों के रेल रोकने से पूर्वी और दक्षिण पूर्व में कुछ स्थानों पर रेल सेवायें प्रभावित हुई।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा मुंबई और चेन्नई महानगरों में जनजीवन सामान्य रहा लेकिन केरल, ओडिशा और त्रिपुरा में हड़ताल का इसपर असर रहा। पश्चिम बंगाल में हड़ताल का मिला जुला असर रहा।
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुई थी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हड़ताल को असफल करने के लिये राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दमनकारी नीतियों की आलोचना की।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को काम से अनुपस्थिति रहने पर कड़ी कारवाई की चेतावनी दी थी इसके चलते राज्य सचिवालय में कर्मचारियों की 65 प्रतिशत तक उपस्थिति रही जो कि अपने आप में असाधारण स्थिति रही।
राज्य के विभिन्न इलाकों में रेल और सड़क परिवहन को बाधित करने पर 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। राज्य के कुछ इलाकों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान ज्यादातर बंद रहे।
सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों की शाखायें ज्यादातर शहरों में खुली रहीं लेकिन इनमें कर्मचारियों की उपस्थिति काफी कमजोर रही। लिपिक वर्ग का ज्यादातर स्टाफ अनुपस्थित रहा जिससे कामकाम प्रभावित हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक यूनियनों ने दावा किया कि हड़ताल से बैंकिंग कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ जबकि प्रबंधन का कहना था कि क्लर्क स्तर के कुछ कर्मचारियों ही अनुपस्थित रहे। निजी क्षेत्र के बैंकों में सामान्य कामकाज रहा। रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने राजधानी स्थित कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाये। वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में बैकिंग कामकाज प्रभावित रहा और बंदरगाह पर सामान का लदान एवं उतरान भी हड़ताल की वजह से नहीं हो पाया।
वामदलों के समर्थन वाले श्रमिक संघों के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के समर्थन वाली यूनियनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया। केन्द्रीय श्रमिक संघों ने श्रमिकों के अधिकारों की गारंटी दिये जाने, ठेका प्रणाली को समाप्त करने, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवर देने और सभी कर्मचारियों को पेंशन लाभ दिये जाने को लेकर हड़ताल का आह्वान किया था।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव विश्वास उतागी ने कहा, बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में हड़ताल पूरी तरह कामयाब रही। रिजर्व बैंक के क्लिीयरिंग हाउस पूरी तरह बंद रहे। इससे निजी और विदेशी बैंकों में भी कामकाज प्रभावित रहा। राजधानी दिल्ली में हालांकि, बैंक और बीमा कंपनियों में सामान्य कामकाज प्रभावित रहा तथा बड़ी संख्या में ऑटो और टैक्सियां सड़कों से दूर रही लेकिन कुल मिलाकर यहां जिंदगी काफी कुछ सामान्य रही।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बैंकिंग सेवाओं के साथ साथ परिवहन सेवाओं पर हड़ताल का असर दिखा। इन राज्यों में कई शहरों में राज्य परिवहन निगम की बसें सड़कों पर नहीं उतरी। अधिकारी और कर्मचारी सभी ने हड़ताल का समर्थन किया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 1, 2012, 09:49