Last Updated: Saturday, September 7, 2013, 23:36
नई दिल्ली : दो साल या उससे अधिक की सजा वाले आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए सांसदों, विधायकों पर अब तत्काल अयोग्य ठहराए जाने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि संसद इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने वाले कानून को पारित करने में विफल रही।
जन प्रतिनिधित्व (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2013 राज्यसभा में लंबित है। सरकार तमाम प्रयासों के बावजूद इस विधेयक को विचार के लिए राज्यसभा में नहीं ला सकी।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि विधेयक पर चूंकि अलग-अलग राय थी इसलिए भाजपा ने जोर दिया कि इससे कानून मामलों पर संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए।
विधेयक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 में उपधारा (4) जोड़ती है जो कहता है कि दोषी सांसद या विधायक अयोग्य नहीं होंगे अगर अपील 90 दिनों के भीतर दायर की जाती है और अदालत दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगा देती है।
लेकिन यह साफ करता है कि ‘सांसद, विधायकों को न तो मतदान करने का अधिकार होगा और न ही वे वेतन और भत्तों के हकदार होंगे।’ उच्चतम न्यायालय ने 10 जुलाई को अपने फैसले में चुनाव कानून में उस प्रावधान को निरस्त कर दिया था जो एक दोषी सांसद या विधायक को उच्चतर अदालतों में उसकी अपील लंबित रहने के आधार पर अयोग्यता से बचाता था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 7, 2013, 23:36