Last Updated: Tuesday, July 24, 2012, 16:17
नई दिल्ली: बहुत ही कम अवधि तक चलने वाली दवाओं की पूरी खेप की आपूर्ति के बिना ही आपूर्तिकर्ता को पूरा भुगतान कर स्थानीय आर्मी हॉस्पिटल के साथ धोखाधड़ी के आरोपी, सेना के एक सेवानिवृत्त पूर्व अधिकारी को दिल्ली की एक अदालत ने बरी कर दिया है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने आर एंड आर आर्मी हॉस्पिटल के ‘न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट’ (एनएमडी) के तत्कालीन प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल जे के भगत को बरी करते हुए कहा कि उन्होंने विभाग के हित में काम किया क्योंकि कम अवधि तक चलने वाली दवाओं की पूरी खेप लेने से वह खराब हो जाती।
अदालत ने कहा ‘‘प्रतीत होता है कि पूरे घटनाक्रम में कोई गलत इरादा नहीं था। वह (भगत) एएफएमआरसी की परियोजना के एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उन्होंने यह सुनिश्चित कर विभाग के हित में काम किया कि कम अवधि की दवाइयों की वजह से किसी तरह का नुकसान न हो। उन्होंने जो किया, अपने कमांडर की अनुमति से किया।’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 24, 2012, 16:17