नई प्रणाली रोकेगी टेलीफोन की अनधिकृत टैपिंग

नई प्रणाली रोकेगी टेलीफोन की अनधिकृत टैपिंग

नई दिल्ली: टेलीफोन की अनधिकृत टैपिंग अब इतिहास की बात बनकर रह जाएगी। सरकार ने एक ‘फूलप्रूफ’ केन्द्रीय निगरानी प्रणाली (सीएमएस) शुरू करने का फैसला किया है, जो अवैध रूप से फोन टैपिंग के खतरे को दूर कर सकेगी।

सीएमएस सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध व्यक्तियों के फोन और इंटरनेट संचार की निगरानी का अधिकार देती है । इससे फोन काल, टेक्स्ट मैसेज और इंटरनेट की निगरानी केवल सरकारी एजेंसियां ही कर सकेंगी और इसके लिए वह अधिकृत अधिकारी या प्राधिकार से अनुमति हासिल करेंगी।

केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम सीएमएस जल्द ही शुरू करेंगे। यह फूलप्रूफ निगरानी प्रणाली होगी।’ सीएमएस टेलीफोन परिचालकों की फोन टैपिंग गतिविधियों को विराम दे देगी और यदि कोई एजेंसी किसी नंबर विशेष की निगरानी करना चाहती है तो उसे सभी रिकार्ड आनलाइन रखने होंगे और एजेंसी को इसके लिए अनुमति लेनी होगी। निगरानी की अवधि का ब्यौरा रखना होगा।

यह भी पता करना होगा कि पूरी प्रक्रिया में शामिल लोगों की बातचीत या संवाद से उन्हें क्या हासिल हुआ ताकि संबद्ध व्यक्ति या व्यक्तियों को लेकर कोई अनियमितता पायी जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

गृह सचिव की अध्यक्षता में जल्द ही सीएमएस पर एक समीक्षा बैठक होगी। इसमें सभी संबद्ध पक्ष यानी दूरसंचार मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग शामिल होंगे। सरकार कहती आयी है कि वह मोबाइल परिचालकों से नागरिकों की निजता की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीएमएस बना रही है।

देश में सीबीआई (केन्द्रीय जांच ब्यूरो) और आयकर विभाग सहित नौ एजेंसियों को फोन टैपिंग का अधिकार है। सरकार हालांकि बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) को टेलीफोन काल डाटा रिकार्ड (सीडीआर) हासिल करने का अधिकार देने की योजना बना रही है। ये काल डाटा रिकार्ड उन कंपनियों के होंगे जिनकी भेदिया कारोबार, मनी लांडरिंग और अन्य बाजार संबंधी धांधलियों के लिए सेबी जांच कर रही है। (एजेंसी)

First Published: Monday, June 17, 2013, 19:01

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