नए कैग से ‘हितों के टकराव’ की आशंका : भाजपा

नए कैग से ‘हितों के टकराव’ की आशंका : भाजपा

नई दिल्ली : भाजपा ने शशिकांत शर्मा को कैग नियुक्त करने पर सख्त आपत्ति जताते हुए आज कहा कि ऐसा होने से ‘हितों के टकराव’ की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि वह ऐसे रक्षा सौदों का लेखा परीक्षण कर सकते हैं जिनमें रक्षा सचिव रहते उनकी खुद की भूमिका रही हो। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने यहां कहा कि जिनसे हितों के टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है उन्हें ऐसे पद नहीं सौंपे जाने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘बजट का बड़ा हिस्सा रक्षा मंत्रालय से संबंधित होता है जिन्हें कैग देखता है। नए कैग उन मामलों को देखेंगे, जिनमें उनकी भूमिका रही है।’ शर्मा को कैग बनाए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा, ‘मैं व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन सरकार के बजट में सबसे बड़ा खर्च रक्षा से जुड़ा होता है। अगर इसका लेखा परीक्षण होता है तो वह (शर्मा) खुद इसका लेखा परीक्षण करेंगे क्योंकि वह रक्षा मंत्रालय से जुड़े रहे हैं।’

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और जेटली ने एक संयुक्त बयान में भी इस विषय को उठाया। बयान में कहा गया, ‘संवैधानिक और वैधानिक संस्थानों में जिस तरह की नियुक्तियां हो रही हैं उससे साबित होता है कि सरकार ऐसी संस्थाओं का सत्यानाश चाहती है।’ शर्मा दस साल से अधिक समय तक रक्षा मंत्रालय में रहे हैं। इस दौरान विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकाप्टर जैसे सौदों को अंतिम रूप दिया गया। इस सौदे में रिश्वत दिए जाने के आरोपों की सीबीआई जांच कर रही है।

बयान में कहा गया कि संप्रग सरकार ने प्रमुख संस्थानों के लिए कई ऐसी विवादास्पद नियुक्तियां कीं और उन संस्थानों को बचाने के लिए अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा। जेटली और सुषमा ने कहा, ‘चाहे चुनाव आयोग या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अथवा सीवीसी का मामला हो, संप्रग शासन ने कुछ बहुत ही आपत्तिजनक नियुक्तियां की हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 22, 2013, 18:03

comments powered by Disqus