Last Updated: Saturday, September 8, 2012, 15:43
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन की दुहाई देकर समाज को विचारधारात्मक रूप से प्रभावित करने की नक्सलियों की क़ाबलियत के कारण पहले से चिंताजनक स्थिति और पेचीदा बन रही है।
पुलिस प्रमुखों के यहां आयोजित सम्मेलन में सिंह ने कहा कि नक्सलियों द्वारा अपनी ‘सैन्य क्षमता’ को बढ़ाने और सात राज्यों में प्रभाव का विस्तार करने का सामर्थ्य चिंता की बात है और होनी चाहिए। उन्होंने कहा, वामपंथी उग्रवादियों की अपनी संख्या बढ़ाने, सैन्य संभावनाओं का विस्तार करने और देश के सात राज्यों के कुछ क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने की क्षमता अत्याधिक परेशानी की बात है।नक्सलियों के विस्तार पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इन वाम उग्रवादियों को उनके अंतर-राज्यीय प्रभावों का लाभ उठाने से रोकने और उनके इम्प्रोवाइज़ड विस्फोटक उपकरणों से जान माल के हो रहे नुकसान को रोकने में अर्धसैनिक बलों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
राज्य पुलिस बलों से प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि पकड़े जाने वाले नक्सलियों के खिलाफ मुकदमों की कार्रवाई त्वरित और प्रभावकारी हो। नक्सल प्रभावित राज्यों से उन्होंने कहा कि उन्हें पुलिस-आबादी के अनुपात में भी काफी सुधार लाने के साथ पुलिस के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने, पुलिस बलों को आधुनिक हथियारों और संचार उपकरणों से लैस करने और नक्सलियों का सामना करने लायक प्रशिक्षण देने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 8, 2012, 15:43