Last Updated: Tuesday, October 11, 2011, 14:11
नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि नक्सलियों के नेतृत्व से निपटने के साथ ही आदिवासी क्षेत्रों के लोगों की चिंताओं पर ध्यान देकर नक्सल समस्या का मुकाबला किया जा सकता है।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने प्रसार भारती की ओर से आयोजित सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान में ‘तिरुपति से पशुपति तक : माओवादी मसले की झलक’ विषय पर दिए अपने व्याख्यान में कहा, यह स्पष्ट है कि हमें दो स्तरीय तरीके की जरूरत है। पहला, हमें नक्सलियों के उस नेतृत्व से निपटना होगा जो देश की सत्ता पर बलात कब्जा करना चाहता है। दूसरा, हमें उन लोगों के हितों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिनके संरक्षण का वे (नक्सली) दावा करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें आदिवासी आबादी की पहचान पहले सरकार की उपेक्षा और भेदभाव को झेलने वाली तथा फिर नक्सली एजेंडे का शिकार होने वाली जनता के रूप में करने की जरूरत है। मेरा मानना है कि आदिवासी क्षेत्रों और विशेषकर मध्य तथा पूर्वी भारत के इलाकों में प्रशासन और शासन के तरीके में सुधार लाना वक्त की जरूरत है। रमेश ने आंध्र प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश ऐसा समेकित आदिवासी विकास एजेंसी (आईटीडीए) के जरिए कर पाया है लेकिन और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 12, 2011, 09:56