Last Updated: Sunday, May 26, 2013, 15:00

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा कांग्रेस नेताओं की हत्या की निंदा करते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि इस घटना ने पूरे देश को नक्सलियों की बुराई का एकजुट होकर मुकाबला करने की आवश्यक्ता को रेखांकित किया है।
मुख्य विपक्षी पार्टी ने नक्सल खतरे से निपटने के लिए आक्रामक एकीकृत रणनीति बनाने की अपील की।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम इसकी कडी निन्दा करते हैं।
वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘नक्सलियों के इस उग्र रुख को देखते हुए केंद्र को चाहिए कि वह राज्यों के साथ मिलकर इससे निपटने के लिए एक कारगर रणनीति बनाए।’
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद केवल छत्तीसगढ़ की समस्या नहीं है बल्कि यह देश के आधे से अधिक राज्यों में फैला हुआ है। इस तथ्य को देखते हुए इसे पूरे देश से समाप्त करने के लिए एकजुट होकर सामूहिक संकल्प लेना होगा।
प्रसाद ने कहा कि नक्सलवाद की क्रूर हिंसा से अब तक हजारों निर्दोष लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं, जिसमें बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘नक्सली हिंसा के सभी राजनीतिक दलों के नेता शिकार हुए हैं जिसमें कांग्रेस, भाजपा के साथ वामदलों, तेलगू देशम पार्टी आदि के नेता शामिल हैं।’
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने भी घटना की निन्दा करते हुए कहा कि नक्सल खतरे से निपटने के लिए आक्रामक एकीकृत रणनीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह कायराना हरकत है और भाजपा इसकी निन्दा करती है। नक्सल समस्या किसी राज्य विशेष से नहीं जुडी है बल्कि यह कई राज्यों की समस्या है। शनिवार का हमला सुकमा में हुआ जो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ की सीमा पर है।
नक्सली हमला कर एक राज्य से दूसरे राज्य में भाग जाते हैं इसीलिए केन्द्र को इस खतरे से निपटने के लिए एकीकृत रणनीति बनानी होगी।
बहरहाल, रविशंकर प्रसाद ने कहा कि माओवादी संविधान में विश्वास नहीं करते हैं, वे किसी राजनीतिक दल में भेद नहीं करते और सभी को निशाना बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने आरोप-प्रत्यारोप लगाने की बजाए सभी राजनीति दलों को नक्सली हिंसा के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत को रेखांकित किया है।
प्रसाद ने सवाल किया कि नक्सलवादियों के प्रति नरम नजरिया रखने और उनके मानवाधिकारों के बारे में आवाज उठाने वाले आज इस घटना पर क्यों चुप हैं।
छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की ओर से प्रदेश भाजपा सरकार और पार्टी के दफ्तरों के समक्ष विरोध प्रदर्शन किये जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि किसी अन्य राज्य में इस तरह की घटना होने पर भाजपा कार्यकर्ता तो कांग्रेस के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन नहीं करते हैं।
बहरहाल, जावडेकर ने कहा कि यह विकास से जुडा मुद्दा नहीं है। नक्सली मानते हैं कि वे हिंसा के जरिए सत्ता परिवर्तन कर सकते हैं।
उन्होंने कांग्रेस को आगाह किया कि वह इस घटना पर राजनीति न करे। पार्टी के ही एक अन्य नेता अनंत कुमार ने कहा कि पूरे देश को एक साथ खडे होकर संकल्प लेना चाहिए कि नक्सल समस्या और हिंसा को हम अपनी मातृभूमि से उखाड फेंकेंगे।
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने भी छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा की निंदा की। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 26, 2013, 15:00