Last Updated: Monday, May 27, 2013, 14:37
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : कांग्रेस नेताओं पर शनिवार को छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के बाद केंद्र ने अर्धसैनिक बल के 2000 अतिरिक्त जवान राज्य में भेजे हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि नक्सल-प्रभावित राज्यों में सेना की तैनाती का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस घातक हमले के बाद सरकार ने सोमवार को नक्सल हिंसा प्रभावित सभी राज्यों से कहा है कि वे राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा चुस्त दुरुस्त करें।
एंटनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में सेना को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। लेकिन हम राज्य और पारा मिलिट्री फोर्सेज को पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। रक्षा मंत्री ने तमिलनाडु के तंजावुर में सोमवार को यह बात कही। गौर हो कि छत्तीसगढ़ में इस समय नक्सल विरोधी अभियान के तहत 30000 पारा मिलिट्री के जवान तैनात हैं।
उधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी छत्तीसगढ में कांग्रेस नेताओं पर शनिवार को हुए घातक हमले की जांच आज से शुरू करेगी। एनआईए पता लगाएगी कि केन्द्र या राज्य के स्तर पर सुरक्षाबलों की ओर से कहीं कोई चूक तो नहीं हुई। गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि किसी को दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने माओवादी हमले की जांच एनआईए से करने को कहा है। ऐसा संभव है कि कोई सुरक्षा चूक हुई हो।
यह पूछने पर कि क्या शनिवार को हुए हमले के मास्टरमाइंड की पहचान हो गई है, सिंह ने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जांच कार्य पूरा होने पर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। केन्द्र ने छत्तीसगढ में नक्सल रोधी अभियानों में राज्य सरकार की मदद के लिए अर्धसैनिक बलों की 30 बटालियनें यानी लगभग 30 हजार जवान पहले ही तैनात कर रखे हैं।
First Published: Monday, May 27, 2013, 14:37