Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 09:52

नई दिल्ली : गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए अपने खुद के मानदंड तय करने के अधिकार देने वाली सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में आज फैसला सुनाए जाने की संभावना है।
मुख्य न्यायाधीश डी मुरूगसेन और न्यायमूर्ति वीके जैन द्वारा कल सुबह इस बारे में फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है। इस सिलसिले में गैर सरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और दिल्ली सरकार के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी।
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि अधिसूचनाएं ‘बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम’ (आरटीई एक्ट) को अस्वीकार करती हैं क्योंकि निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को नर्सरी दाखिले के लिए अपने खुद के मानदंड तय करने की इजाजत दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि इससे एक बच्चे के साथ उसके बड़े भाई बहन के उसी स्कूल में पढ़ाई करने या नहीं करने जैसे आधार पर भेदभाव हो सकता है।
उच्च न्यायालय का फैसला केंद्र की इस दलील के मद्देनजर मायने रखता है कि आरटीई अधिनियम नर्सरी दाखिले में लागू नहीं होता और शहर की सरकार अपनी खुद की नीतियां बना सकती हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 09:52