Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 12:38

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को अपने खुद के मानक तय करने के लिए अधिकार देने वाली दो सरकारी अधिसूचनाओं की वैधता को मंजूर किया जिसके बाद दिल्ली में नर्सरी में प्रवेश की चल रही प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगसेन और न्यायमूर्ति वी के जैन की पीठ ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और शिक्षा निदेशालय द्वारा क्रमश: जारी अधिसूचनाओं को रद्द करने की मांग वाली जनहित याचिका को निपटाते हुए कहा, ‘‘हम अधिसूचनाओं का समर्थन करते हैं।’’ अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि नर्सरी प्रवेश के लिए चल रही प्रक्रिया अप्रभावित रहेगी।
अदालत ने केंद्र सरकार की इस दलील को मंजूर कर लिया कि बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीआई कानून) 6 साल से 14 साल की आयुवर्ग के बच्चों पर लागू है और राज्य नर्सरी में प्रवेश के लिए नीतियां बनाने के लिए स्वतंत्र हैं।
हालांकि पीठ ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कहा कि कानून में संशोधन कर इसमें प्री-स्कूल कक्षाओं में प्रवेश के लाभ के दायरे में छह साल से कम उम्र के बच्चों को लाने पर विचार किया जाए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 12:38