Last Updated: Friday, April 26, 2013, 08:50
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में हाल ही सामने आए 20 हजार करोड़ के शारदा चिटफंड घोटाले की आंच केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के घर तक पहुंचती नजर आ रही है। शारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदिप्ता सेन ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जो पत्र लिखा है, उसमें नलिनी का नाम आया है। जबकि तृणमूल कांग्रेस ने नलिनी की भूमिका पर सवाल उठाए।
सूत्रों के मुताबिक सुदिप्तो ने इस चिट्ठी में पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम पर उंगली उठाते हुए कहा है कि नॉर्थ इस्ट में टीवी चैनल की डील में नलिनी ने वकील की भूमिका अदा की थी। पत्र में यह साफ लिखा गया है कि नलिनी चिदंबरम, सुदिप्ता सेन और मतंग सिंह व उसकी पत्नी मनोरंजन सिंह के बीच चैनल को खरीदने की डील में वकील थीं।
चिटफंड घोटाले में कथित तौर पर शामिल शारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन ने सीबीआई को भेजे एक पत्र में कथित तौर पर कहा है कि नेताओं, पत्रकारों एवं वकीलों ने उन्हें ब्लैकमेल किया और उन्हें बचाने का भरोसा देकर उनसे पैसे लिए। सेन को दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था।
सेन ने अपने पत्र में जिन लोगों के नाम लिए हैं उनमें कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस सांसद श्रीन्जय बोस और कुणाल घोष, असम से कांग्रेस के एक मंत्री और नलिनी चिदंबरम शामिल हैं। बोस और घोष ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इंकार किया है।
वहीं, नलिनी चिदंबरम का नाम लिए बगैर तृणमूल कांग्रेस ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ‘शारदा घोटाले में चेन्नई की एक महिला वकील सौदा क्यों तय कर रही थी? कांग्रेस के मंत्री को स्पष्टीकरण देना होगा।’ शीषर्क से कई सवाल किए हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने जो सवाल किए हैं उनमें यह आरोप भी है कि महिला वकील ने एक करार का मसौदा तैयार करने के लिए एक करोड़ रुपए लिए। यह सवाल भी किया गया कि उन्हें इतनी मोटी फीस क्यों दी गयी और इस पर क्या हासिल हुआ। एक सवाल यह भी था कि जब नई दिल्ली और गुवाहाटी में अच्छे-अच्छे वकील उपलब्ध थे तो चेन्नई की एक वकील की मदद क्यों ली गयी।
बहरहाल, नलिनी चिदंबरम के करीबी सूत्रों ने इस आरोप से इंकार किया कि उन्होंने पूर्वोत्तर के एक टीवी चैनल में निवेश के लिए शारदा समूह पर दबाव बनाया था। सूत्रों ने दावा किया कि नलिनी ने तो चैनल को सलाह दी थी कि वह शारदा समूह से धनराशि नहीं ले। सूत्रों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की पत्नी और पूर्व पत्रकार मनोरंजना सिंह की पैरवी के लिए नलिनी चिदंबरम को बतौर वकील रखा गया था। मनोरंजना सिंह की ओर से अपने पति और मेसर्स पॉजिटिव टीवी लिमिटेड के खिलाफ कंपनी लॉ बोर्ड के समक्ष दायर याचिका में नलिनी को बतौर वकील पेश होने के लिए चुना गया था।
उन्होंने कहा कि मनोरंजना एक टीवी चैनल शुरू करने की योजना बना रही थी और इसी सिलसिले में उन्होंने नलिनी चिदंबरम से संपर्क किया था। शारदा समूह का प्रस्ताव था कि वह उस कंपनी में निवेश करेगी जिसे मनोरंजना शुरू करने की योजना बना रही थी।
सूत्रों ने कहा कि नलिनी और अन्य वकीलों ने अपनी रिपोर्ट में मनोरंजना से कहा था कि वह शारदा समूह से निवेश स्वीकार करने के मामले में आगे नहीं बढ़े। बाद में यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
मनोरंजना की कंपनी और शारदा समूह के बीच जिस सहमति-पत्र पर दस्तखत हुए थे उसे भी रिपोर्ट मिलने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सूत्र ने कहा कि नलिनी की सलाह थी कि शारदा समूह से धनराशि न ली जाए।
First Published: Friday, April 26, 2013, 08:50