Last Updated: Monday, November 5, 2012, 20:39

नई दिल्ली : मार्क्सववादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) समेत सरकार के अन्य नव-उदारवादी कदमों का बचाव करने पर आज कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि रामलीला मैदान की रैली का भाषण जनता की परेशानियां पर तनिक भी अफसोस नहीं होने का परिचायक है।
कल की यहां की रैली में कांग्रेस नेताओं के भाषणों का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा, उन सभी के भाषण में इस सरकार द्वारा जनता के एक व्यापक समूह पर डाले जा रहे बोझ पर तनिक भी अफसोस नहीं होने की झलक मिलती है। उन्होंने कहा, सामान्य सी बात है कि जनता के व्यापक समूह की कीमत पर देश के संसधान और बाजार अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पूंजी और बडे भारतीय घरानों की लूट और मुनाफाखोरी के लिए और खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन नीतियों की दिशा बदलने की जरूरत है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं महासचिव राहुल गांधी के बयानों पर येचुरी ने कहा, पूरा देश को पता है और उसने टेलीविजन पर देखा है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में आधी रात को लोकपाल विधेयक के पारित होने के मार्ग का गला घोंट दिया।
येचुरी ने माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमाक्रेसी’ के संपादकीय में लिखा है कि लोग एक बार फिर अटकलें लगा रहे हैं कि कब मौजूदा लोकपाल विधेयक संसद से पारित होगा जिसमें उसे मजबूत एवं प्रभावी बनाने के लिए बड़े संशोधन होंगे। पेट्रोलियम के दाम बढ़ाने को बढ़ती सब्सिडी का हवाला देकर सही ठहराने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर माकपा नेता ने कहा, बतौर अर्थशास्त्री उन्हें पता होना चाहिए कि जॉन मैर्नाड कींस ने एक बार कहा था कि दीर्घकाल में तो हम में से कोई बचेगा ही नहीं। येचुरी ने कहा कि कांग्रेस रैली में दिये भाषणों से इस सुधारवादी नीति के खिलाफ संघर्ष का लोगों का निश्चय और दुगना हो जाना चाहिये। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 5, 2012, 20:39