Last Updated: Tuesday, October 23, 2012, 14:54

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: नवरात्र का आज आखिरी दिन है। मां दुर्गा के नौ स्वरुपों में आज मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र में पूजी जानेवाली यह अंतिम देवी है अर्थात मां दुर्गा की नवीं शक्ति को सिद्धिदात्री कहते हैं।
सिद्धिदात्री देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। देवी के इस अंतिम रूप को नवदुर्गाओं में सबसे श्रेष्ठ व मोक्ष देने वाली दुर्गा माना गया है। यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं।
देव, यक्ष, किन्नर, दानव, ऋषि-मुनि, साधक सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्र के नौवें दिन करते हैं। इससे उन्हें यश, बल और धन की प्राप्ति होती है। सिद्धिदात्री देवी उन सभी भक्तों को महाविद्याओं की अष्ट सिद्धियां प्रदान करती हैं। मां भक्तों के हर मांग को पूरा करती है। साधक साधन क्रम मे जो भी मां से मांगता है मां से पूरा करती है।
नवरात्र के आखिरी या फिर नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए नवान्न (नौ प्रकार के अन्न) का प्रसाद, नवरस युक्त भोजन तथा नौ प्रकार के फल-फूल आदि का अर्पण करना चाहिए। इस प्रकार नवरात्र का समापन करने से इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
First Published: Tuesday, October 23, 2012, 09:13