Last Updated: Sunday, March 11, 2012, 12:22
नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अंतरिक्ष एजेंसी के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर की शिकायत पर हुई प्रगति के बारे में कोई भी ब्यौरा देने से यह कहकर इनकार कर दिया है कि इस मामले में जांच जारी है। विवादास्पद एंट्रिक्स-देवास करार के सिलसिले में नायर के खिलाफ कदम उठाया गया था और इसी के विरूद्ध उन्होंने शिकायत दर्ज करवायी थी।
इसरो ने द्वारा सूचना का अधिकार कानून के तहत दाखिल अर्जी के जवाब में कहा, चूंकि मामले पर आगे की जांच जारी है, इस स्तर पर सूचना मुहैया कराने से मौजूदा जांच बाधित होगी। लिहाजा सूचना को आरटीआई कानून की धारा आठ (1एच) के तहत मुहैया कराने से मुक्त रखा जाता है। इसरो से कहा गया था कि वह करार के संबंध में इसके पूर्व और वर्तमान वैज्ञानिकों और अधिकारियों को मिले पत्रों को मुहैया कराये और इस बारे में की गयी कार्रवाई की जानकारी दे।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि आरटीआई कानून की धारा आठ (1एच) ऐसी सूचना के खुलासे से इनकार करती है जिससे जांच की प्रक्रिया अथवा आरोपियों की गिरफ्तारी या अभियोजन बाधित होता हो।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले साल 31 मई को पूर्व केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त प्रत्यूष सिन्हा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय दल गठित किया था। इस दल को एंट्रिक्स प्राइवेट लि. और देवास मल्टीमीडिया प्रा.लि. के बीच हुए विवादास्पद करार के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।
उच्च स्तरीय दल से प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा 10 फरवरी 2011 को गठित दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समीक्षा समिति की रिपोर्ट की जांच करने को भी कहा गया था।
साथ ही उच्च स्तरीय दल से कहा गया था कि वह देवास मल्टीमीडिया के साथ करार पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी निर्णय प्रक्रिया के पूरे परिप्रेक्ष्य की समीक्षा करे और आगामी कार्रवाई के बारे में सुझाव दे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 11, 2012, 17:53