Last Updated: Thursday, April 5, 2012, 13:07
बेंगलूर : अंतरिक्ष विभाग ने इसरो के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर को एक बार फिर से इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया है कि विवादास्पद एंट्रिक्स-देवास समझौते के सिलसिले में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों की गई। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायर ने कहा कि कुछ संदेह की स्थिति है।
अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) ने कहा कि चूंकि मामला केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के समक्ष है इसलिए नायर के साथ सूचना को साझा नहीं किया जा सकता। नायर ने कहा कि पूरे मामले में कुछ संदेह की स्थिति है। वे जो कुछ है, उसे सामने नहीं ला रहे। उन्होंने सवाल किया कि डीओएस एक ऐसे मुद्दे पर गोपनीयता क्यों बरत रहा है जिसके बारे में व्यापक बातचीत हो रही है। उन्होंने कहा कि यह अनसुना और अकल्पनीय है।
पूर्व इसरो प्रमुख ने आरटीआई के तहत पहले एक अर्जी दाखिल कर इस बारे में जानकारी मांगी थी कि उन्हें और तीन अन्य वैज्ञानिकों को एंट्रिक्स.देवास करार में कथित भूमिका के मामले में किस आधार पर सरकारी पदों पर काबिज होने से रोका गया था। अंतरिक्ष विभाग ने तब आरटीआई की धारा (1) (एच) के तहत सूचना देने से मना करते हुए कहा था कि चूंकि मामले में आगे जांच चल रही है इसलिए इस स्तर पर सूचना देने से पहले से चल रही जांच में अड़चन आएगी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 5, 2012, 18:37