Last Updated: Saturday, August 17, 2013, 16:36
नई दिल्ली : रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड ने आज सीबीआई की विशेष अदालत में एक आवेदन दाखिल कर कहा कि अदालत को उसकी उस याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के नतीजे का इंतजार करना चाहिए जिसमें रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी, टीना अंबानी सहित अतिरिक्त गवाहों को 2जी मामले में गवाही के लिए सम्मन भेजे जाने को चुनौती दी गयी है।
आवेदन में आरोपी कंपनी ने कहा है कि उनके आग्रह पर उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई का नतीजा आने तक इंतजार करना उचित होगा। इस याचिका में कंपनी ने 19 जुलाई को दिए गए निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने अपने आदेश में सीबीआई का अनुरोध स्वीकार करते हुए कुछ अतिरिक्त गवाहों को सम्मन जारी किए थे।
अदालत ने इस आदेश में कहा था कि मामले में निर्णय तक पहुंचने के लिए अभियोजन पक्ष के गवाहों के तौर पर अनिल अंबानी, टीना अंबानी और 11 अन्य को सम्मन जारी करने का सीबीआई का आग्रह महत्वपूर्ण है।
मामले में बयान दर्ज कराने की खातिर अनिल अंबानी को 22 अगस्त को तथा टीना अंबानी को 23 अगस्त को पेश होने के लिए अदालत ने सम्मन जारी किये थे।
आरोपी कंपनी ने आज दायर अर्जी में कहा है ‘यह अनुरोध किया जाता है कि इस दौरान, 19 जुलाई को दिए गए आदेश में जिरह के लिए तलब गवाहों को छोड़ कर अन्य से जिरह कर ली जाए।’ आवेदन में कहा गया है ‘अदालत से अनुरोध किया जाता है कि जब तक उच्चतम न्यायालय हमारी याचिका का निबटारा नहीं कर लेता तब तक उन गवाहों से जिरह न की जाए जिन्हें 19 जुलाई के आदेश के तहत सम्मन जारी किया गया था।’
सीबीआई के विशेष जज ओपी सैनी ने रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) के आग्रह पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 21 अगस्त तक जवाब मांगा है। रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि वह सुनवाई पर स्थगन की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि उनका आग्रह है कि अतिरिक्त गवाहों को 19 और 21 अगस्त को नहीं बुलाया जाना चाहिए।
रोहतगी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अलग अलग तारीखों पर, उनके आग्रह पर जिरह सुनी है और अगली सुनवाई 21 अगस्त को नियत की है। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की पीठ उच्चतम न्यायालय में टू जी मामलों की सुनवाई कर रही है। कल पीठ ने कहा था कि वह 21 अगस्त को मामले से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई जारी रखेगी।
सुनवाई के दौरान रोहतगी ने अदालत में कहा कि कुछ अतिरिक्त गवाहों से जिरह पहले की जा चुकी है और कुछ के बयान 19 अगस्त से दर्ज किए जाने हैं। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि नए गवाहों के बयान दर्ज करने का काम 21 अगस्त तक टाल दें क्योंकि इस दिन उनके आग्रह पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई है।
अपने आग्रह में रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड ने कहा है ‘19 जुलाई 2013 को दिए गए आदेश के मुताबिक गवाहों से जिरह करने से विशेष अनुमति याचिका निर्थक हो जाएगी और उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले की व्यापक सुनवाई किए जाने के मद्देनजर यह उचित भी नहीं होगा।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 17, 2013, 16:36