Last Updated: Sunday, September 25, 2011, 10:56

वाशिगटन : वरिष्ठ कांग्रेस नेता व केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का मानना है कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में विकसित देशों की दुविधा उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए घातक होगी . उन्होंने शनिवार को विकसित देशों का आह्वान किया कि वे नीति को लेकर फैली अनिश्चितता और दुविधा की स्थिति को दूर करने का प्रयास करें.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्यालय में नीतिगत चुनौतियो पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती नीति को लेकर अनिश्चितता और निष्क्रिय राजनीतिक ग्रिडलॉक की है. उन्होने यह भी कहा कि सरकारी ऋण संकट से निपटने के लिए समय रहते मजबूत कदम उठाए जाने की जरूरत है. अन्यथा आने वाली चुनौतियों से निबटने में काफी मुश्किलें पेश आएंगी.
मुखर्जी ने कहा कि मध्यम अवधि के वित्तीय एकीकरण के बीच सही संतुलन स्थापित करना और वृद्धि के रास्ते की अड़चन न बनना ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होने कहा कि समय की जरूरत है कि वित्तीय रणनीति को इस तरह बनाया जाए जो रोजगार सृजन वाली हो और साथ ही ढांचागत विकास के लिए भी निवेश जरूरी है. इसके अलावा उद्यमों को निवेश तथा रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
First Published: Sunday, September 25, 2011, 16:26