Last Updated: Wednesday, May 2, 2012, 15:11

नई दिल्ली/गाजियाबाद : बहुचर्चित आरुषि और हेमराज हत्या मामले में आरोपी नूपुर तलवार बुधवार को अपनी जमानत याचिका गाजियाबाद की एक अदालत द्वारा खारिज हो जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय की शरण में पहुंचीं। न्यायमूर्ति एके पटनायक एवं न्यायमूर्ति जेएस खेहर की खंडपीठ ने शुक्रवार को नूपुर तलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष दंडाधिकारी प्रीति सिंह के समक्ष सोमवार को पेश होने का निर्देश दिया था। नूपुर सोमवार को दंडाधिकारी के समक्ष पेश हुईं और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
नूपुर ने अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की जिसे दंडाधिकारी सिंह ने खारिज करते हुए मामले को सत्र न्यायाधीश के पास भेज दिया। जबकि सत्र न्यायाधीश ने इस मामले को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस. लाल के हवाले कर दिया। इसके पहले लाल ने मंगलवार को नूपुर की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मामले की सुनवाई करते हुए लाल ने बुधवार को कहा कि नूपुर को जेल में रखना न्याय के हक में होगा क्योंकि वह फरार हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि उनका अदालत में पेशी को नजरंदाज करने का पिछला रिकार्ड यह संकेत करता है कि वह फरार हो सकती हैं। वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं जैसा कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में संकेत किया गया है कि तलवार दम्पति ने मौका-ए वारदात पर काफी बदलाव किए गए थे। इसलिए इस बात की आशंका है कि वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकती हैं।
सीबीआई के वकील आर. के. सैनी ने कहा कि कानूनी इतिहास मातृहत्या, पितृहत्या, स्वजनों की हत्या जैसे उदाहरणों से भरा पड़ा है। आधुनिक समाज में जबकि नैतिक मूल्य तेजी से समाप्त हो रहे हैं, कुछ भी हो सकता है। घरेलू नौकर हेमराज के अतिरिक्त वह अपनी ही संतान आरुषि की हत्या की आरोपी हैं। वह इस दोहरे हत्याकांड में सबूतों से छेड़छाड़ की भी आरोपी हैं। वहीं, नूपुर के लिए जमानत का अनुरोध करते हुए उनके वकील जी. पी. थरेजा ने 29 दिसम्बर, 2010 में सीबीआई की ओर से अदालत में पेश क्लोजर रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें नूपुर व उनके पति राजेश तलवार के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने की बात कही थी।
नूपुर के एक अन्य वकील प्रवीण राय ने कहा कि ब्रेन मैपिंग, मनोवैज्ञानिक, नार्को, डीएनए, पॉलीग्राफी, अन्य फॉरेंसिक जांच, फिंगर प्रिंट और कपड़ों पर खून के धब्बों की जांच से उनके खिलाफ कुछ भी निकलकर सामने नहीं आया। इससे साफ है कि घटना में उनकी कोई संलिप्तता नहीं है। उल्लेखनीय है कि 14 साल की आरुषि तलवार का शव 15 मई, 2008 को नोएडा स्थित उसके घर में मिला था। अगले ही दिन तलवार दम्पत्ति के घरेलू नौकर हेमराज का शव घर की छत पर मिला था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 4, 2012, 10:15