Last Updated: Wednesday, April 18, 2012, 07:47
ज़ी न्यूज ब्यूरो गाजियाबाद : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बुधवार को आरुषि-हेमराज हत्याकांड की आरोपी दंत चिकित्सक नूपुर तलवार के खिलाफ गैर जमानती वारंट की अवधि बढ़ाकर अगली सुनवाई की तिथि 30 अप्रैल तक कर दी। सीबीआई ने बुधवार को विशेष अदालत में दायर अर्जी में कहा था कि पहले जारी गैर जमानती वारंट की मियाद बुधवार को खत्म हो गई थी इसलिए नूपुर की गिरफ्तारी के लिए इसे फिर से जारी करने की जरूरत है।
स्पेशल अदालत ने बुधवार को नूपुर तलवार के खिलाफ गैर जमानती वारंट की मियाद बढ़ाकर 30 अप्रैल तक कर दिया है। गौर हो कि इसी अदालत ने नूपुर के खिलाफ इस हत्याकांड के सिलसिले में गैर जमानती वारंट जारी किया था। इस तरह नूपुर की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई को वक्त मिल गया है।
अदालत में आज हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने वारंट को बढ़ाने के लिए आग्रह किया था, जिसके बाद कोर्ट ने गैर जमानती वारंट को बढ़ा दिया। सीबीआई ने कहा कि चूंकि नूपुर के खिलाफ जारी किए गए गैर जमानती वारंट की अवधि बुधवार को खत्म हो रही है, इसलिए उसके (नूपुर) के खिलाफ नया गैर जमानती वारंट जारी किया जाए ताकि उसे गिरफ्तार किया जा सके।
जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सीबीआई की याचिका का विरोध किया और कहा, चूंकि नूपुर की जमानत याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है इसलिए जांच एजेंसी को आरोपी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए।
दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने 30 अप्रैल तक के लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। गौर हो कि आज की सुनवाई के दौरान नूपुर तलवार कोर्ट में मौजूद नहीं थी।
सीबीआई ने इसके साथ ही अदालत के समक्ष अनुपालन रिपोर्ट दायर की, जिसमें उसने कहा कि नूपुर को गिरफ्तार करने के लिए छह स्थानों पर छापेमारी की गई लेकिन वह कहीं छुप गई थीं। इसमें यह भी दावा किया गया कि नूपुर को पता था कि उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था लेकिन इसके बावजूद वह गिरफ्तारी से बचती रहीं। विशेष सीबीआई अदालत ने 14 वर्षीय आरुषि की मां नूपुर के खिलाफ वारंट जारी किया था क्योंकि आदेशों के बावजदू वह अदालत में पेश नहीं हो रही थीं।
तलवार दम्पति की इकलौती पुत्री आरुषि गत 15 और 16 मई 2008 परिवार के नोएडा स्थित आवास पर मृत पाई गई। दूसरे दिन उनके नौकर हेमराज का शव भी मकान की छत पर मिला। नूपुर के पति डा. राजेश तलवार अदालत में मौजूद थे लेकिन वह अदालत में उपस्थित नहीं हुईं। नूपुर के खिलाफ 11 अप्रैल को वारंट जारी होने के बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली और नोएडा में छापेमारी की थी। दो दिन बाद नूपुर राहत की उम्मीद में उच्चतम न्यायालय पहुंची जहां सीबीआई ने न्यायालय को भरोसा दिया कि वह उनके खिलाफ तब तक कार्रवाई नहीं करेगी जब तक उनकी याचिका पर सुनवायी पूरी नहीं हो जाती।
First Published: Thursday, April 19, 2012, 00:41