Last Updated: Thursday, August 9, 2012, 19:43
नई दिल्ली : केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने आरूषि-हेमराज हत्याकांड में आरोपी डा. नूपुर तलवार की जमानत का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया है। जांच ब्यूरो का दावा है कि जमानत पर रिहा होने पर डा नूपुर तलवार गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं।
डा. नूपुर तलवार की जमानत याचिका में दाखिल जवाब में केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कहा है कि दोहरे हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई के इस महत्वपूर्ण दौर में याचिकाकर्ता को जमानत देने से सारी कार्यवाही पर असर पड़ सकता है क्योंकि इस मामले में महत्वपूर्ण गवाह तलवार दंपति के पूर्व कर्मचारी और मित्र हैं जिनकी अभी गवाही होनी है।
जांच ब्यूरो ने कहा है कि याचिकाकर्ता (नूपूर) अपने पक्ष में गवाही देने के लिए उन्हें प्रभावित करने के प्रयास में ऐसे गवाहों के साथ दखल दे सकती हैं। इससे पहले भी याचिकाकर्ता पर सबूत मिटाने और हमलावर की जांच पड़ताल के मामले में गलत सूचना देने के लिए भादंसं की धारा 201 के तहत आरोप लगाया जा चुका है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ता द्वारा साक्ष्यों से छ्रेड़छाड़ किये जाने की आशंका है। न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति जेएस खेहड की खंडपीठ 13 अगस्त को नूपुर तलवार की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। इस खंडपीठ ने 16 जुलाई को इस याचिका पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किया था।
नूपुर तलवार ने उच्चतम न्यायालय के कड़े रुख के बाद 30 अप्रैल को गाजियाबाद की अदालत में समर्पण कर दिया था। वह इसके बाद से ही जेल में हैं। निचली अदालत ने दो मई को नूपुर को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी 31 मई को उसकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। तलवार दंपति की 14 वर्षीय पुत्री आरूषि की नोएडा स्थित मकान के शयनकक्ष में 16-17 मई, 2008 को हत्या कर दी गयी थी। घरेलू नौकर हेमराज का शव भी अगले दिन मकान की छत पर मिला था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 9, 2012, 19:43