नेताजी के भाषण ने मुझे प्रेरित किया : राष्ट्रपति, Subhas Chandra Bose real icon for youth: President Pranab

नेताजी के भाषण ने मुझे प्रेरित किया : राष्ट्रपति

नेताजी के भाषण ने मुझे प्रेरित किया : राष्ट्रपति कोलाकाता : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर दिए गए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भाषण ने उन्हें राष्ट्र अध्यक्ष बनने पर दिए भाषण को तैयार करने में प्रेरणा प्रदान की।

नेताजी की 116वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में मुखर्जी ने कहा,‘गणतंत्र का राष्ट्रपति चुने जाने पर जब मैंने अपना भाषण तैयार किया - और यह एक ऐसा भाषण था जो मुझे खुद तैयार करना था- सबसे पहले मेरे दिमाग में आया कि मुझे कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सुभाष चंद्र बोस के भाषण को देखना चाहिए। और वहां मुझे प्रेरणा मिली।’

महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ‘असली नायक’ करार देते हुए मुखर्जी ने कहा कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था की कई महत्वपूर्ण विशेषतायें उनके दृष्टिकोण का हिस्सा थीं।

मुखर्जी ने यहां बोस के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में जनसमुदाय से कहा, ‘वह (बोस) विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए असली नायक थे। वह देश के महान सपूत थे जिनका जीवन बलिदान और सेवा से भरपूर था।’

मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर अनुमोदन भाषण के दौरान उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उनके विचारों और भाषणों को पढ़ा था। राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य के नीति निर्देशक तत्व जो संविधान का हिस्सा हैं और पंचवर्षीय योजना स्वतंत्रता के बाद देश के सुशासन के प्रति उनके दृष्टिकोण का हिस्सा थी।

मुखर्जी ने कहा कि जब बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब उन्होंने योजना निकाय का गठन किया और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को उसका अध्यक्ष बना जबकि प्रख्यात वैज्ञानिक मेघनाथ साहा को सदस्य के रूप में नियुक्त किया था ।

राष्ट्रपति ने कहा कि बोस पर स्वामी विवेकानंद का बहुत प्रभाव था। नेताजी ने लिखा है कि जब वह मात्र 15 साल के थे तभी विवेकानंद ने उन्हें प्रभावित करना शुरू कर दिया।

मुखर्जी ने कहा,‘यहां तक कि सिंगापुर में युद्ध के समय भी जब भी नेताजी को समय मिलता वह यहां रामकृष्ण मिशन का दौरा करते और ध्यान में काफी समय लगाते।’ इस अवसर पर नेताजी की बेटी अनीता पाफ, उनके पति मार्टिन पफाफ और परिजन कृष्णा बोस उपस्थित थे।

अनीता ने मुखर्जी को सुगता बोस की किताब ‘हिज मैजेस्टीज अपोनेंट’ का बांग्ला संस्करण भेंट किया और कहा कि देशवासी कम ही लोगों को इतने प्यार से याद करते हैं जितना उनके पिता को करते हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 20, 2013, 18:49

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