Last Updated: Sunday, February 17, 2013, 21:14

अहमदाबाद : प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने रविवार को कहा कि आपराधिक मामलों में फैसले में विलंब एक बड़ी समस्या है जहां ‘पूरी प्रक्रिया में करीब 15-16 साल लग जाते हैं।’
न्यायमूर्ति कबीर ने यहां ‘आपराधिक न्याय प्रशासन’ विषय पर न्यायमूर्ति पी डी देसाई स्मारक व्याख्यान में कहा, ‘‘आज एक बड़ी समस्या देरी है जहां अपराध का मामला दर्ज किये जाने से लेकर अंतिम रूप से दोषी ठहराये जाने तक पूरी प्रक्रिया में करीब 15 से 16 साल लग जाते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा करता हूं कि इस प्रक्रिया में शामिल प्रत्येक व्यक्ति न्याय की प्रक्रिया को तेज करने के लिये अपनी जिम्मेदारी निभायेगा।’’
आपराधिक न्याय के समक्ष चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यही (देरी) मुख्य चीज है जो न्यायपालिका को परेशान करता है और अत्यधिक देरी की वजह से कई बार हमें जनता से बड़ी तीखी प्रतिक्रिया मिलती है जिसे तत्काल किया जाना चाहिये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की एक घटना पिछले साल 16 दिसंबर को दिल्ली में हुई थी। पहली प्रतिक्रिया थी कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिये त्वरित अदालतों का गठन किया जाये।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दो जनवरी को इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिये नयी दिल्ली में एक इलाके में पहली त्वरित अदालत का गठन किया गया।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 17, 2013, 21:14