न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध : मनमोहन

न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध : मनमोहन

न्यायपालिका के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध : मनमोहनमुम्बई : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि सरकार ने न्याय आपूर्ति प्रणाली में सुधार के लिए राष्ट्रीय न्याय आपूर्ति मिशन (एनएमजेडी) सहित अनेक पहल की है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष शुरू हुआ एनएमजेडी मामलों में विलम्ब और लम्बित मामलों को कम कर, और न्यायिक प्रणाली में जवाबदेही बढ़ाकर न्यायिक सुलभता बढ़ाने के दोहरे लक्ष्यों पर जोर देता है।

मनमोहन सिंह ने कहा, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने से सम्बंधित एक संविधान संशोधन विधेयक संसद में है और अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना के लिए एक व्यापक प्रस्ताव तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री बम्बई उच्च न्यायालय के 150वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे।

सिंह ने कहा कि चेक बाउंस होने के मामलों से पैदा हो रहे मुकदमों में वृद्धि को रोकने के लिए अंतर-मंत्रालयी समूह अन्य उपायों के साथ ही निगोसिएबल इंस्ट्रमेंट एक्ट में आवश्यक संशोधनों के बारे में जांच-पड़ताल कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विधि आयोग के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक अन्य समूह एक बेहतर अपराध न्याय प्रणाली के लिए न्यायालयी प्रक्रिया में जरूरी सुधारों की पड़ताल कर रहा है।

मनमोहन सिंह ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों में लम्बित मामलों की संख्या में जुलाई-दिसम्बर 2011 के दौरान 600,000 से अधिक की कमी हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, बम्बई उच्च न्यायालय और इसके सहयोगी न्यायालयों ने इस उपलब्धि में अच्छा-खासा योगदान किया है।

प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि न्यायिक संस्थान समय पर और सस्ता न्याय मुहैया कराने में अवांछनीय चुनौती का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बात के लिए न्यायपालिका की प्रशंसा की कि उसने अपनी जिम्मेदारियां निभाने में खुद को भेदभाव से परे रखे हुए है।

प्रारम्भ में प्रधानमंत्री ने बम्बई उच्च न्यायालय को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसकी स्थापना 18 अगस्त, 1862 को हुई थी। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 18, 2012, 15:21

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