Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 10:36
नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को कहा कि सरकार न्यायिक जवाबदेही विधेयक पर सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श कर रही है और उसने मामले पर चर्चा के लिए इसे संसद में सूचीबद्ध किया है। खुर्शीद ने आशा जताई कि विचार-विमर्श के बाद विधेयक को संसद पारित कर देगी लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम फैसला लेने से पहले सभी पक्षों के साथ कुछ विषयों पर चर्चा किये जाने की जरूरत है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि न्यायिक जवाबदेही विधेयक पर चर्चा जारी है, हमें भागीदारों के साथ कुछ चीजों पर चर्चा करने की जरूरत है और हम इसे करेंगे। हमें आशा है कि विचार-विमर्श के बाद इसे संसद पारित कर देगी। खुर्शीद से न्यायिक जवाबदेही विधेयक की स्थिति और इसे बजट सत्र में पारित कराने के सरकार के इरादे को लेकर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि वस्तुत: हमने इस विधेयक को पेश कर दिया है और इस पर चर्चा शुरू हो गई है। लेकिन अब चूंकि हमें इस पर संसद में दुबारा चर्चा करनी है इसलिये उसे (वहां पर) सूचीबद्ध किया गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री खुर्शीद ने राज्य अल्पसंख्यक आयोगों की वाषिर्क बैठक को संबोधित करते हुए देश में न्यायिक सुधारों पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न अल्पसंख्यक गुटों की कानून संगत अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये पुलिस और न्यायिक सुधार एक साथ किए जाने की जरूरत है। खुर्शीद ने कहा कि पुलिस सुधार बहुत समय से लंबित है और कुछ राज्य सरकारों में यह दिखाई भी पड़ रहा है। लेकिन इसका एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है, न्यायिक सुधार के साथ ही साथ पुलिस सुधार भी हो।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन ने की और इसमें अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह और अल्पसंख्यक राज्य मंत्री विसेंट पाला भी मौजूद थे। खुर्शीद ने कहा कि सच्चर समिति की रिपोर्ट के बाद अन्य अल्पसंख्यक समुदायों ने इस तरह की समितियों को गठित किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अन्य समुदायों जैसे पारसी, ईसाई और बौद्ध भी सच्चर समिति की तरह समिति बनाये जाने की मांग कर रहे है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 16:06