Last Updated: Friday, April 19, 2013, 14:18

नासिक: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि पड़ोसी देशों के गैर मित्रवत व्यवहार के कारण भारत की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
किसी भी देश का नाम लिये बिना भागवत ने कहा कि भारत का विकास और वृद्धि मानवता को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है हालांकि इससे वैश्विक समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है क्योंकि देश पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर गैर मित्रवत देशों से घिरा हुआ है जो सुरक्षा खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।
‘रामनवमी’ के अवसर पर आरएसएस की नासिक इकाई की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीन युद्ध के बाद भी पड़ोसी देशों का गैर मित्रवत रवैया बरकरार है । देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि जाली मुद्रा, हथियार, आतंकवादियों का घुसपैठ है।
भागवत ने सवाल किया कि कि एक तरफ हम आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं, वहीं आम लोग महंगाई से प्रभावित है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं और देश सूखे से प्रभावित है। ऐसी स्थिति में विकास कहां हो रहा है?’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए मतदाता भी जिम्मेदारी है। जाति, क्षेत्र, भाषा, पानी, सीमाओं पर देश के भीतर संघर्ष हो रहे हैं और प्रतिदिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं। हम इन मुद्दों पर चर्चा करते हैं लेकिन इसका समाधान निकालने का प्रयास नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि आरएसएस का आधार मजबूत है। हम किसी का विरोध नहीं करते हैं और कोई हमारा दुश्मन नहीं है लेकिन हमें समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन किसी में हमें समाप्त करने की शक्ति नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 19, 2013, 14:18